सीवान : शिक्षा का अलख जगाने वाले गोरेयाकोठी के महाविद्यालय में शिक्षकों के अधिकतर पद खाली पड़े हैं, जिसके कारण महाविद्यालय के वरिष्ठ छात्र ही छात्रों को वैकल्पिक व्यवस्था के तहत पढ़ा रहे हैं. महाविद्यालय में 48 शिक्षकों की जगह मात्र सात शिक्षक ही कार्यरत हैं.
इसको लेकर महाविद्यालय प्रशासन ने ने शिक्षकों की बहाली के लिए विश्वविद्यालय को पत्र लिखा है. मालूम हो कि गोरेयाकोठी के नारायण महाविद्यालय जिला स्तर पर शिक्षा देने में अपना अलग स्थान रखता है, लेकिन शिक्षकों की कमी होने के कारण अब क्षेत्र के छात्र-छात्राएं शिक्षा से वंचित हो रहे हैं या शिक्षा ग्रहण करने के लिए दूर जा रहे हैं. इससे अभिभावकों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
जिनकी आर्थिक स्थिति ठीक है, वे अपने बच्चे को अच्छी शिक्षा दे रहे हैं, लेकिन जिन परिवारों की माली हालत ठीक नहीं है, वे कैसे अपने बच्चों को शिक्षा दिला सकते हैं. इसका अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है. पहले यहां सीमावर्ती प्रखंडों सहित गोपालगंज व छपरा जिले से बच्चे पढ़ने आते थे. लेकिन अब गोरेयाकोठी प्रखंड के ही बच्चे शिक्षा के लिए अब दूसरी जगहों पर जाने को मजबूर हैं.
महाविद्यालय से मिली जानकारी के अनुसार भौतिकी, रसायन, गणित, अंगरेजी , इतिहास, राजनीति शास्त्र सहित अन्य विषयों में शिक्षकों की काफी कमी है. महाविद्यालय के पीजी के छात्रों के लिए प्रयोगशाला की व्यवस्था नहीं होने के कारण छात्रों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. पुस्तकालय की व्यवस्था ठीक-ठाक है.
क्या कहते हैं प्राचार्य
कॉलेज में शिक्षकों की कमी को देखते हुए विश्व विद्यालय को पत्र लिखा गया है. छात्रों की पढ़ाई बाधित न हो, इसके लिए वैकल्पिक व्यवस्था के तहत पढ़ाई चल रही है.
डॉ परमेंद्र रंजन सिंह
प्राचार्य नारायण महाविद्यालय