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सामान्य होने लगा माहौल, पर दशहत है कायम

सोमवार की रात भी लोगों ने घरों से बाहर गुजारी, डीएवी कैंपस में युवकों ने किया रोशनी का प्रबंध तीन दिनों तक भूकंप के झटकों को ङोलने के बाद मंगलवार को माहौल थोड़ा बदला-बदला सा दिखा. दफ्तरों से लेकर रेलवे स्टेशन व बस स्टैंड पर अन्य दो दिनों से चहल-पहल अधिक रही.हालांकि अचानक बारिश से […]

सोमवार की रात भी लोगों ने घरों से बाहर गुजारी, डीएवी कैंपस में युवकों ने किया रोशनी का प्रबंध
तीन दिनों तक भूकंप के झटकों को ङोलने के बाद मंगलवार को माहौल थोड़ा बदला-बदला सा दिखा. दफ्तरों से लेकर रेलवे स्टेशन व बस स्टैंड पर अन्य दो दिनों से चहल-पहल अधिक रही.हालांकि अचानक बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया. इन सब हालात के बीच महिलाओं व अन्य लोगों में दहशत अब भी कायम है.
सीवान : भूकंप से जिले में भले ही नुकसान अधिक नहीं रहा,पर तीन दिनों तक रुक-रुक कर आते रहे झटकों से लोगों में दहशत बनी रही, जिसका असर रहा कि सोमवार की रात में भी शहर में बड़ी संख्या में लोग गांधी मैदान,डीएवी कैंपस निराला नगर,राजेंद्र नगर, आनंद नगर, दक्षिण टोला, शुक्ल टोली, पंचमंदिरा मोहल्ला के लोग तथा वीएमएच परिसर में रामदेव नगर,महादेवा,नयी बस्ती के इलाके लोग रात भर जमे रहे.
उधर फतेहपुर सर्कस मैदान, एमएम कॉलोनी के लोग मुख्य मार्ग पर रात भर जमे रहे. चौथे दिन हालात कुछ बदले दिखे. सुबह से ही चहल-पहल अन्य दिनों से अधिक रही, जिसका असर शहर में जाम के रूप में दिखा. जाम में घंटों लोग जूझते रहे. बैंक व अन्य संस्थाओं में भी लोगों की भीड़ अधिक रही.
युवकों ने किया राहत का सामूहिक प्रयास : शहर में दहशत के चलते उत्पन्न हुए हालात के बाद जो लोग डीएवी कैंपस में शरण लिये हुए थे,उनके लिए आधा दर्जन युवकों ने सामूहिक प्रयास कर रोशनी का प्रबंध किया था.जगह-जगह लगायी गयी ट्यूब लाइट से कैंपस रात में दुधिया रोशनी से जगमगाता रहा. इसके अलावा नगर पर्षद द्वारा पेयजल का इंतजाम किया गया था.इसका खुद कार्यपालक पदाधिकारी जायजा लेते रहे.
अस्पताल में अन्य दिनों से अधिक आये मरीज : सदर अस्पताल में अन्य तीन दिनों की अपेक्षा मरीजों की संख्या अधिक आने से यह साफ है कि जनजीवन सामान्य हो रहा है. शनिवार व सोमवार को ओपीडी में औसतन तीन सौ मरीज उपचार कराने आये.जबकि मंगलवार को यह संख्या बढ़ कर साढ़े चार सौ का आंकड़ा पार कर गयी. वार्ड जहां तीन दिनों तक खाली रहा था,वहीं आज भरती मरीज भी दिखे. स्वास्थ्यकर्मियों की उपस्थिति भी अन्य दिनों से अधिक रही. इसके अलावा इमरजेंसी में आनेवाले मरीजों की संख्या भी अचानक बढ़ी है.
भूकंप फोबिया से बचने के लिए बदलें माहौल : चिकित्सक डॉ के एहतेशाम अहमद ने कहा कि महिलाओं व युवतियों में आमतौर पर भूकंप फोबिया नजर आ रहा है.ऐसे मरीजों के बीच माहौल में बदलाव की जरूरत है.घरेलू माहौल की दिनचर्या में परिवर्तन से राहत मिल सकती है.परिवार में उल्लास के माहौल के लिए हर संभव कोशिश की जाये.भूकंप को याद कर लोग सिहर रहे हैं. ऐसे मरीजों की काउंसेलिंग कर आवश्यक सतर्कता बरती जाये. इसके अलावा एंजाइटी की दवा दी जानी चाहिए.
रेलवे स्टेशन पर बढ़ी चहल-पहल
सीवान जंकशन पर मंगलवार की सुबह से ही ट्रेनों से आवागमन अधिक रहा.जिसका असर साधारण व आरक्षण टिकट काउंटर पर ग्राहकों की लंबी कतार के रूप में दिखा.भूकंप की दहशत का असर पिछले तीन दिनों में दिखा था.
साधारणतया हर दिन ट्रेनों से यात्रा करनेवाले लोगों की बड़ी भीड़ के बजाय लोग भी कम दिख रहे थे. रेल प्रशासन के मुताबिक दहशत के चलते यात्रियों की संख्या में तकरीबन 30 फीसदी की कमी आ गयी थी.यह संख्या अचानक चौथे दिन बढ़ गयी.सामान्य दिनों में यात्रियों की संख्या दस हजार तक रहती है.

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