<<परवेज अख्तर>>
तरवारा:
बता दें कि गंडामन की घटना के बाद विद्यालयों में बहुत हंगामा हुआ था. कई जगह ग्रामीणों ने मध्याह्न् भोजन तक बंद करवा दिया था. लेकिन धीरे-धीरे शिक्षा विभाग के प्रयास से विरोध थमा और फिर से विद्यालयों में सुचारु रूप से एमडीएम बनना शुरू हुआ. इसी क्रम में शुक्रवार को बंगरा श्रीकांत मध्य विद्यालय पर भी एमडीएम बनाया जा रहा था. सूत्रों व स्थानीय लोगों की मानें तो रसोइयों ने जब चना भूनने के लिए बरतन में तेल डाला तो उसमें दरुगध उठी. जिससे वह सहम गयीं. लेकिन फिर पुराना तेल होने की बात कह उन्होंने सब्जी बनाना प्रारंभ कर दिया. एमडीएम बन जाने के बाद जब रसोइयों ने सब्जी के बरतन से ढक्कन हटाया तो दरुगध आ रही थी. उन्हें शक हुआ तो उन्होंने उसे चखा. सब्जी चखने के कुछ देर बाद ही वह बेहोश होकर गिर पड़ीं. फिर क्या था पूरे गांव में कोहराम मच गया. गंडामन की घटना को याद कर कितने लोगों की आंखों से आंसू आ गये. विद्यालय में पढ़नेवाले बच्चों के अभिभावक विद्यालय की तरफ भागे, उन्हें बस अपने कलेजे को टुकड़ों को देखना था.
इधर रसोइयों के बेहोश होते ही प्रभारी प्रधानाचार्य बिंदू देवी व अन्य शिक्षक आनन-फानन में उन्हें इलाज के लिए सदर अस्पताल ुे गये. यहां पर भी ग्रामीणों व अभिभावकों का हुजूम उमड़ पड़ा. इधर विद्यालय पर जीबी नगर थानाध्यक्ष सरोज कुमार, बड़हरिया थानाध्यक्ष सुशील कुमार, पचरुखी थानाध्यक्ष अरविंद कुमार, सीओ बड़हरिया श्यामाकांत समेत पचरुखी व बड़हरिया के अधिकारी पहुंचे और ग्रामीणों को समझा कर स्थिति पर काबू किया. वहीं सदर अस्पताल पहुंचे डीडीसी राकेश कुमार, डीपीएम ठाकुर विश्व मोहन, अस्पताल प्रबंधक निशांत सागर ने रसोइयों की स्थिति का जायजा लिया और उनके इलाज का उचित प्रबंध कराया.
लिया गया खून का सैंपल : सदर अस्पताल पहुंची दोनों रसोइयां आशा व बसंती के खून का सैंपल चिकित्सकों ने लिया. अस्पताल प्रबंधक, डीपीएम की निगरानी में चिकित्सकों ने उनके खून, थूक का सैंपल लिया. इस दौरान प्रबंधक ने रसोइयों के इलाज के कोई कोताही न बरतने की हिदायत दी. वहीं अस्पताल पहुंचे रसोइयों के परिजनों के रोने की आवाज से पूरा परिसर गूंज रहा था. प्रबंधक ने उन्हें दिलासा दिया कि वह जल्दी स्वस्थ हो जायेंगी.
आदेश का प्रधानाध्यापक ने किया उल्लंघन : गंडामन की घटना के बाद शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव ने सभी विद्यालयों के प्रधानाचार्यो को सख्त निर्देश दिया था कि वह अपनी उपस्थिति में एमडीएम बनवायेंगे. इसके बाद पहले खुद भोजन को चखें. इसके बाद बच्चों को एमडीएम खिलायें. लेकिन बंगरा श्रीकांत विद्यालय पर तैनात प्रधानाध्यापक ने ऐसा कुछ नहीं किया. चखने की बात कौन कहे, उन्होंने भोजन बनने के दौरान उसकी पड़ताल भी नहीं की.
विधायक व प्रमुख ने लिया जायजा : एमडीएम खाने से रसोइयों के बेहोश होने की जानकारी जैसे ही विधायक श्याम बहादुर सिंह को मिली, वह मौके पर पहुंच गये. उन्होंने पूरे घटनाक्रम का जायजा लिया. वहीं सदर अस्पताल पहुंचे प्रमुख महादेव पासवान का कहना था कि इस घटना की उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए. इस घटना के पीछे कहीं न कहीं किसी हाथ तो जरूर है. अगर दस मिनट पहले रसोइयों ने ेभोजन नहीं चखा होता, तो बहुत बड़ा हादसा हो सकता था.
क्या कहते हैं प्रधानाध्यापक : प्रभारी प्रधानाध्यापक बिंदू देवी का कहना है कि मामला कुछ समझ में नहीं आ रहा है. रसोइयों के ठीक होने पर ही इसके बारे में विशेष जानकारी मिलेगी. इस घटना की जांच करायी जायेगी. इसके पीछे जरूर किसी का हाथ है.
क्या कहते हैं बीइओ : पचरुखी के बीइओ कृष्णा राय को जब फोन कर इस घटना की जानकारी दी गयी़, तो उन्होंने फोन पर कहा कि अभी मैं रिपोर्ट बना रही हूं. मुङो रिपोर्ट बनाने दीजिए, उसके बाद ही मैं घटना पर कुछ कह सकती हूं.