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न प्रयोगशाला, न ही प्रयोग के लिए उपकरण

महाराजगंज : पूर्व मुख्यमंत्री स्व महामाया बाबू का पैतृक गांव पटेढ़ी है. उनके पूर्वजों द्वारा आद्या उच्च विद्यालय की स्थापना वर्ष 1951 में पटेढ़ी में करायी गयी. 1989 में आद्या उच्च विद्यालय को सरकार ने अपने हाथों ले लिया. पूर्व में विद्यालय की शिक्षण व्यवस्था काफी बेहतर रही. इस विद्यालय से शिक्षा ग्रहण कर कई […]

महाराजगंज : पूर्व मुख्यमंत्री स्व महामाया बाबू का पैतृक गांव पटेढ़ी है. उनके पूर्वजों द्वारा आद्या उच्च विद्यालय की स्थापना वर्ष 1951 में पटेढ़ी में करायी गयी. 1989 में आद्या उच्च विद्यालय को सरकार ने अपने हाथों ले लिया. पूर्व में विद्यालय की शिक्षण व्यवस्था काफी बेहतर रही. इस विद्यालय से शिक्षा ग्रहण कर कई छात्र सरकार के उच्च पदों पर पदस्थापित हैं.
पूर्व में उच्च विद्यालय का अपना लाइब्रेरी, कॉमन रूम, कार्यालय व अन्य शैक्षणिक गतिविधियों के लिए पर्याप्त जगह उपलब्ध थी. गुणवत्तापूर्ण शिक्षा हासिल करने के लिए दूर-दूर से छात्र आया करते थे. वर्ग में कुल 431 छात्र-छात्रए हैं. जिसमें ग्रुप ए में 72 छात्र, 72 छात्राएं व ग्रुप बी में 72 छात्र, 72 छात्राएं व ग्रुप सी में 98 छात्राएं व 46 छात्र अध्ययन करते हैं.
प्रयोगशाला की व्यवस्था लचर : प्रयोगशाला में सामान की कमी है. वहीं व्यवस्थित रूप से प्रयोग कराने के लिए कक्ष का भी अभाव है. क्लास रूम में ही प्रयोग का सामान दिखा कर बच्चों के साइंस के प्रयोग के बारे में समझाया जाता है.
शिक्षकों की कमी : विद्यालय में कुल 14 शिक्षक हैं, जिनमें सात शिक्षक नियमित हैं. वहीं इन शिक्षकों के अलावा 14 शिक्षकों की और आवश्यकता है. शिक्षकों की कमी के कारण छात्रों की संख्या के अनुपात में शिक्षकों की व्यवस्था करना मुश्किल होता है. किसी-किसी शिक्षक से ज्यादा काम लिया जाता है. +2 की पढ़ाई के लिए विद्यालय में मात्र दो शिक्षक उपलब्ध हैं. विद्यालय में लाइब्रेरी व्यवस्था नहीं है. संस्कृत के शिक्षक नहीं हैं. कॉमन रूम व स्टाफ रूम नहीं है. दो किरानी हैं.

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