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महिला डॉक्टरों की मनमानी बेमतलब हुआ इनडोर रोस्टर

अस्पताल में रोस्टर तो बनता है, लेकिन नहीं किया जाता पालन सदर अस्पताल आनेवाली महिला मरीजों को किसी तरह की कठिनाई नहीं हो, अलग-अलग बीमारियों से ग्रसित महिलाओं का समुचित इलाज हो सके , इसके लिए सिविल सजर्न के आदेश पर महिला इनडोर के लिए डॉक्टरों की रोस्टर ड्यूटी बनायी गयी. लेकिन, जिस दिन से […]

अस्पताल में रोस्टर तो बनता है, लेकिन नहीं किया जाता पालन
सदर अस्पताल आनेवाली महिला मरीजों को किसी तरह की कठिनाई नहीं हो, अलग-अलग बीमारियों से ग्रसित महिलाओं का समुचित इलाज हो सके , इसके लिए सिविल सजर्न के आदेश पर महिला इनडोर के लिए डॉक्टरों की रोस्टर ड्यूटी बनायी गयी. लेकिन, जिस दिन से यह इनडोर रोस्टर लागू हुआ, उसके पहले दिन से ही महिला चिकित्सकों ने इसकी अनदेखी शुरू कर दी.
सीवान : इनडोर में भरती महिला मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने के लिए सिविल सजर्न के आदेश पर महिला इनडोर के लिए डॉक्टरों की रोस्टर ड्यूटी बनायी गयी. 14 मार्च से प्रभावी हानेवाले इस रोस्टर ड्यूटी की महिला डॉक्टरों ने 14 मार्च को ही रोस्टर के मुताबिक कार्य नहीं कर हवा निकाल दी.
नये रोस्टर के अनुसार प्रतिदिन दो महिला डॉक्टरों की ड्यूटी लगायी गयी. एक डॉक्टर को सुबह आठ बजे से ओपीडी तथा दूसरे दिन सुबह आठ बजे तक मेडिको लीगल कार्य की जिम्मेवारी सौंपी गयी. दूसरी महिला डॉक्टर को सुबह आठ से दूसरे दिन सुबह आठ बजे तक महिला इनडोर की जिम्मेवारी दी गयी. इस दौरान आपात स्थिति में आनेवाली महिलाओं का इलाज भी शामिल था. रात की बात तो दूर दिन में भी कोई महिला डॉक्टर इनडोर में नहीं बैठ रही हैं, लेकिन यह रोस्टर 22 दिन बाद भी प्रभावी नहीं हो सका.
तीन दिनों से मरीज न भरती हुए और न डिसचार्ज : सदर अस्पताल के महिला वार्ड में मरीजों का इलाज भगवान भरोसे चल रहा है. सोमवार की सुबह में सदर अस्पताल में तीन दिन पूर्व भरती व डिसचार्ज मरीजों की रजिस्टर पर न तो इंट्री हुई थी और न डॉक्टर का हस्ताक्षर. मरीज या तो तीन दिन पूर्व चला गया है या तीन दिन से भरती है.
सोमवार को सदर अस्पताल के अधीक्षक अस्पताल पहुंचे, तो दस्खस्त कराने महिला कर्मचारी रजिस्टर लेकर पहुंची.महिला वार्ड का आलम यह है कि ड्यूटी पर तैनात एएनएम व ए ग्रेड नर्स को ही सारा काम करना पड़ता है. स्वास्थ्य विभाग के आलाधिकारी सिविल सजर्न व सदर अस्पताल के अधीक्षक के आदेशों को सदर अस्पताल की महिला चिकित्सक कोई तरजीह नहीं देतीं है. इनडोर में ड्यूटी लगने के बाद खुले आम ड्यूटी करने नहीं आना विभाग के बाबुओं से सांठ-गांठ की ओर जरूर इशारा करता है. ऐसा इसलिए कि ड्यूटी करने नहीं आनेवाली महिला डॉक्टरों का कार्रवाई से कोई डर नहीं है.
क्या कहते हैं उपाधीक्षक
महिला वार्ड के इनडोर में डॉक्टरों की नहीं बैठने की शिकायत मिल रही है. इस संबंध में सिविल सजर्न साहब से बात कर व्यवस्था को ठीक करने का प्रयास किया जायेगा.
डॉ.एम के आलम
उपाधीक्षक, सदर अस्पताल, सीवान

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