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हंगामे के बीच सेविका-सहायिका का हुआ चयन
महाराजगंज : शहर के नन पंचायत क्षेत्र धनछुहां में केंद्र संख्या 161 पर आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका का चयन के लिए धनछुहां गांव में महावीरी स्थल के पास आमसभा का आयोजन किया गया, जिसकी अध्यक्षता वार्ड सदस्य ने की. कैसे हुआ हंगामा : आवेदिका लैलून बेगम पति नेशार अहमद द्वारा प्रखंड आइसीडीएस पदाधिकारी रीना कुमारी को बहाली […]
महाराजगंज : शहर के नन पंचायत क्षेत्र धनछुहां में केंद्र संख्या 161 पर आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका का चयन के लिए धनछुहां गांव में महावीरी स्थल के पास आमसभा का आयोजन किया गया, जिसकी अध्यक्षता वार्ड सदस्य ने की.
कैसे हुआ हंगामा : आवेदिका लैलून बेगम पति नेशार अहमद द्वारा प्रखंड आइसीडीएस पदाधिकारी रीना कुमारी को बहाली में गड़बड़ी होने की आशंका पर आमसभा को स्थगित करने का आवेदन दिया था. इसको लेकर दो गुट बन गये. एक गुट का कहना था कि आम सभा द्वारा सेविका-सहायिका का चयन किया जाये. वहीं दूसरा गुट बैठक को स्थगित करना चाहता था, जिसको लेकर विवाद उत्पन्न हो गया. हंगामे को लेकर सीडीपीओ प्रखंड मुख्यालय वापस लौट गयीं.
सीवान के डीटीओ सह प्रभारी पर्यवेक्षक वीरेंद्र प्रसाद ने सीडीपीओ व बीसीओ राजीव कुमार को पुन: नियमानुसार चयन प्रक्रिया पूरी करने का निर्देश दिया. पुन: सीडीपीओ ने स्थल पर जाकर कानूनी तरीके से चयन प्रक्रिया कर सेविका का चयन किया.
कितनी थीं आवेदिकाएं : सीडीपीओ कुमारी रीना ने पांच आवेदिकाओं के केंद्र संख्या 161 पर आवेदन देने की बात कही. 161 का पोशाक क्षेत्र पिछड़ा बहुल क्षेत्र घोषित है, जिसमें अनिता कुमारी पति उमेश कुमार (पिछड़ा वर्ग), रीता देवी पति अजरुन मांझी (अनुसूचित जाति), लैलून बेगम पति नेशार अहमद (अल्पसंख्यक), उर्मिला देवी पति राम नारायण सिंह (सामान्य जाति), शबनम खातून पति सतधर अली (अल्पसंख्यक) शामिल थीं. सीडीपीओ ने कहा कि आइसीडीएस विभाग का स्पष्ट निर्देश है कि पोषक क्षेत्र की आवेदिका का ही चयन सेविका या सहायिका में करना है. इसलिए अनिता कुमारी पति उमेश कुमार सिंह (पिछड़ा वर्ग) का चयन किया गया. वहीं रीता देवी पति अजरुन मांझी क्षेत्र से बाहर की थीं. वहीं लैलून बेगम, उर्मिला देवी, शबनम खातून भी पोषक क्षेत्र के बाहर की हैं. आम सभा में पर्यवेक्षिका रिंकी कुमारी, नियोजन पर्यवेक्षक राजीव कुमार, नागमणि सिंह, इंसाद आलम उर्फ कैश, अमरेंद्र कुमार, वीरेंद्र सिंह आदि उपस्थित थे.
क्या कहते हैं प्रभारी पर्यवेक्षक
आइसीडीएस के नियम को आम सभा के बीच अधिकारियों को भली-भांति समझा देना चाहिए, जिससे सभी लोग संतुष्ट हो जाएं. इसके बाद ही बहाली प्रक्रिया शुरू करनी चाहिए.
वीरेंद्र प्रसाद
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