Advertisement
पुरखों के पेशे को आगे बढ़ा रहे मूर्तिकार
सीवान : सरस्वती पूजा करीब आते ही मूर्तिकार मूर्तियों को आकार देने में जुट गये हैं. मूर्ति के लागत के तुलना में आमदनी न होने से अब उन्हें अपने पेशे में उत्साह नजर नहीं आता है.अधिकांश मूर्तिकार अपने पुरखों के पारंपरिक कारोबार मान कर इसे आगे बढ़ाने में लगे हैं. शहर में पांच हजार से […]
सीवान : सरस्वती पूजा करीब आते ही मूर्तिकार मूर्तियों को आकार देने में जुट गये हैं. मूर्ति के लागत के तुलना में आमदनी न होने से अब उन्हें अपने पेशे में उत्साह नजर नहीं आता है.अधिकांश मूर्तिकार अपने पुरखों के पारंपरिक कारोबार मान कर इसे आगे बढ़ाने में लगे हैं.
शहर में पांच हजार से अधिक सजेंगी दुर्गा प्रतिमाएं : सरस्वती पूजा करीब आते ही तैयारियां शुरू हो गयी हैं.मूर्तिकार मूर्ति को मूर्त रूप देने में जुटे हैं.अनुमान के मुताबिक शहर में तकरीबन पांच हजार से अधिक छोटी व बड़ी मूर्तियां स्थापित की जायेंगी.पूजा आयोजन समिति के मुताबिक लगातार हर वर्ष मूर्ति स्थापना करने वाले आयोजन समितियों की संख्या बढ़ती चली जा रही हैं
अधिकांश मूर्तिकारों का है पारंपरिक पेशा : मां सरस्वती की मूर्ति निर्माण में लगे अधिकांश मूर्तिकारों का यह पारंपरिक पेशा है.मूर्तिकारों का मानना है कि लगातार निर्माण सामग्री का दाम बढ़ने के अनुपात में मूर्ति की कीमत नहीं मिल पाती है.जिसके चलते कई मूर्तिकारों ने इस पेशे से मुंह मोड़ना शुरू कर दिया है.उनका मानना है कि पहले मूर्ति निर्माण से वर्ष भर का खर्च परिवार का चल जाता था.अब मुश्किल से लागत मूल्य ही प्राप्त हो पाता है.अपने पूर्वजों का यह पेशा रहा है. इसके साथ ही निर्माण में भगवान के प्रति आस्था का एहसास भी होता है.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement