फोटो- 03 -आयुष चिकित्सक के हड़ताल पर जाने से खाली पड़ी चिकित्सक की कुरसी. ग्रामीण क्षेत्रों में आयुष डॉक्टरों के भरोसे हैं अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र संवाददाता, सीवानअनुबंधित आयुष चिकित्सकों के हड़ताल पर चले जाने से ग्रामीण क्षेत्र में स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गयी है. मालूम हो कि अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र आयुष चिकित्सकों के भरोसे ही चलते हैं. सभी आयुष चिकित्सक संघ के आह्वान पर 15 दिसंबर से बेमियादी हड़ताल पर चले गये हैं. हड़ताल पर गये चिकित्सकों का कहना है कि अनुबंध पर बिहार सरकार द्वारा राज्य में 1544 आयुष चिकित्सकों की बहाली राज्य के विभिन्न अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में की गयी, लेकिन सरकार द्वारा हमेशा आयुष चिकित्सकों के साथ हर स्तर पर अन्याय किया गया, जिसके खिलाफ सितंबर व अक्तूबर माह में काला बिल्ला लगा कर विरोध जताया गया था. इसके बाद भी सरकार की नींद नहीं टूटी. उन्होंने कहा कि सरकार ने अगर समय रहते मांगों पर ध्यान नहीं दिया, तो भूख हड़ताल करने तथा सड़क पर उतरने को विवश होंगे. मालूम हो कि जिले में 30 से अधिक आयुष चिकित्सक तैनात है. इनके हड़ताल पर चले जाने से अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से आपात कालीन सेवा व ओपीडी सेवा बाधित होने लगी है. वहीं सदर अस्पताल के आयुष चिकित्सक के हड़ताल पर चले जाने से भी और मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. इस संबंध में सिविल सर्जन डॉ अनिल कुमार चौधरी ने कहा कि चिकित्सकों की हड़ताल से स्वास्थ्य सेवा बाधित हुई है, फिर भी उपलब्ध संसाधनों के आधार पर बेहतर सेवा देने की कोशिश की जा रही है.
आयुष डॉक्टरों के हड़ताल पर जाने से ग्रामीण क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवा चरमरायी
फोटो- 03 -आयुष चिकित्सक के हड़ताल पर जाने से खाली पड़ी चिकित्सक की कुरसी. ग्रामीण क्षेत्रों में आयुष डॉक्टरों के भरोसे हैं अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र संवाददाता, सीवानअनुबंधित आयुष चिकित्सकों के हड़ताल पर चले जाने से ग्रामीण क्षेत्र में स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गयी है. मालूम हो कि अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र आयुष चिकित्सकों के भरोसे […]
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