।। वीर बहादुर कुशवाहा ।।
दरौली : गोपालपुर–दरौली बांध पर फसलों व बांध की सुरक्षा के दृष्टिकोण से बने पुल में 10 वर्ष बाद भी स्लुइस गेट नहीं लगा है. नतीजतन इस बार भी प्रखंड के दर्जनों गांव की सैकड़ों एकड़ उपजाऊ भूमि व उसमें लगी धान की फसल जल मग्न हो गयी है. सबसे खास बात यह है कि गेट लगाने की मांग को लेकर ग्रामीण व किसान दर्जनों बार बीडीओ, डीएम व सेवायात्रा में पहली बार जिले में आये सीएम से भी शिकायत कर चुके हैं, लेकिन अभी तक उसे नहीं लगाया गया है. यही नहीं कई बार तो प्रखंड मुख्यालय पर ग्रामीण धरना भी दे चुके हैं, लेकिन नतीजा सिफर रहा. इधर फसल व उपजाऊ भूमि के जलमग्न होने से स्थानीय लोगों में काफी आक्रोश है. बता दें कि दरौली–गोपालपुर बांध पुल का निर्माण प्रखंड कार्यालय ने कराया.
इस दौरान नदी में पानी बढ़ने पर फसलों व बांध की सुरक्षा के लिए स्लुइस गेट लगाने का प्रस्ताव पारित हुआ. इधर स्लुइस गेट नहीं लगने से नदी का पानी बढ़ने पर प्रखंड के दर्जनों गांव की उपजाऊ भूमि व हजारों एकड़ फसल जलमग्न हो जाती थी. इससे नाराज होकर ग्रामीण व किसानों ने अंचल कार्यालय को 4.7.2008, 19.8.2008 व 26.8. 2008 को आवेदन दिया था.
इसके बाद अंचल कार्यालय ने 25.9.2008 व 16.10.2010 डीएम को इसकी जानकारी दी थी, लेकिन कुछ नहीं हुआ. इसके बाद एक बार फिर 19.01.2011 को ग्रामीणों ने प्रखंड कार्यालय को आवेदन दिया, लेकिन कोई कदम नहीं उठाया गया. इसके बाद पहली बार जिले में सेवायात्रा पर आये मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को आवेदन सौंप गेट लगाने की मांग की गयी थी, लेकिन इसके बाद भी कुछ नहीं हो सका.
इसी के विरोध में भारतीय जनमंच दरौली ने 19.01.2011 को प्रखंड कार्यालय पर अनिश्चिकालीन धरना–प्रदर्शन किया था, लेकिन नतीजा शून्य रहा. फिर 27.9.2012 व 19.3.13 धरना–प्रदर्शन कर ज्ञापन दिया गया था. लेकिन समस्या जस–की–तस है. गेट नहीं लगने से इस बार भी हजारों एकड़ फसल जलमग्न हो गयी है. स्लुइस गेट नहीं लगने से गोपालपुर, दरौली, मुड़ा, परवानापुर, टोका, हथौड़ी, नारायणपुर, भरटोलिया, किशनुपाली सहित करीब एक दर्जन गांवों की उपजाऊ भूमि व फसल जलमग्न है.
* 10 साल बाद भी दरौली–गोपालपुर बांध पर बने पुल पर नहीं लगा स्लुइस गेट
* दर्जनों बार ग्रामीण व किसान कर चुके हैं मांग
* कई बार कर चुके हैं अनिश्चितकालीन हड़ताल
* गेट नहीं लगने से ग्रामीणों में आक्रोश