मैरवा (सीवान): 45 वर्षो से धर्मशाला की कमान संभालने वाले नविस को उसकी कार्य प्रणाली से खफा होने के बाद मैरवा बाजार के बुद्धिजीवियों व नौजवानों ने तयशुदा कार्यक्रम के तहत गुरुवार की सुबह आठ बजे धर्मशाला से नविस का बोर्ड व ताला हटा कर अपना ताला जड़ दिया.
इसके पूर्व दर्जनों लोगों ने नविस व नविस के मार्गदशक डॉ. बच्च बाबू के खिलाफ जम कर नरेबाजी करते हुए नगर मार्च किया. इसके बाद बच्चा बाबू ने इसकी सूचना स्थानीय प्रशासन को दी है.
साथ ही इस परिभ्रमण के बाद धर्मशाला में चल रहे निजी विद्यालय को बंद करना पड़ा. वहीं धर्मशाला का संचालन नये तरीके से करने का विचार लोगों ने एक आम बैठक कर लेने का निर्णय लिया है.
जानकारी के अनुसार नगर में एकमात्र धर्मशाला मुख्य मार्ग स्थित है. इसके संचालन का जिम्मा एक गैर सरकारी संगठन नगर विकास समिति को 1978 में दिया गया था. इधर कुछ दिनों पूर्व वहां एक निजी विद्यालय खोल दिया गया. तभी से नगर में उसका विरोध होना शुरू हो गया. पहले मौखिक विरोध हुआ फिर बैठकें हुईं, उन्हें सूचनाएं दी गयी और विद्यालय को उक्त भवन से हटाने का निर्णय भी लिया गया. प्रचार-प्रसार के बाद नविस ने अखबार में छपी खबर-सूचना पर एक बैठक की, जिसमें धर्मशाला से विद्यालय को खाली करने की घोषणा की गयी, परंतु विद्यालय कब खाली होगा, इसकी सूचना नहीं दी गयी. इससे नाराज हो कर व्यवसायियों ने गुरुवार धर्मशाला में ताला जड़ दिया.
हालांकि इसकी सूचना व्यवसायियों ने प्रशासन को दे दी थी. ताला लगने के बाद प्रतिक्रिया में नविस के डॉ. बच्च प्रसाद ने प्रशासन से इसकी शिकायत की.गुरुवार की सुबह शशि वर्नवाल व बिहारी लाल के नेतृत्व में दर्जनों लोगों ने नविस के खिलाफ नारेबाजी कर धर्मशाला को अपने कब्जे में किया तथा धर्मशाला के संचालन के लिए कुछ दिनों के बाद एक नयी कमेटी बनाने की घोषणा की. मौके पर प्रभुजी वर्नवाल, दुर्गेश, प्रदीप अग्रवाल, विनय, उदय, पिंटू जायसवाल, सुरेश शर्मा सहित दर्जनों लोग शामिल थे.