सीवान : अगर आप सखी-सहेली का फॉर्म भर रहे हैं, तो थोड़ा सतर्क हो जाएं. क्योंकि यह फॉर्म फर्जी भी हो सकता है. पहले आप इस आवेदन की अच्छी तरह से जांच पड़ताल कर लें, इसके बाद भी भरें.
नहीं तो कहीं ऐसा न हो जाय कि आपका समय बरबाद हो और आर्थिक क्षति भी उठानी पड़े. बता दें कि राष्ट्रीय शिक्षा परिषद नयी दिल्ली द्वारा सखी सहेली पद पर नियुक्ति के लिए फॉर्म निकला हुआ है, जो जिले के विभिन्न ब्लॉकों स्थित दुकानों पर बिक भी रहा है. इस फॉर्म को खरीदने के लिए उक्त दुकानों पर सैकड़ों की संख्या में अभ्यर्थियों की भीड़ भी उमड़ रही है.
सबसे खास बात यह है कि फॉर्म भरने के लिए अभ्यर्थियों से 350 रुपये के ड्राफ्ट की भी मांग की जा रही है. हाल ही में नौतन प्रखंड में सखी-सहेली के फॉर्म को खरीदने के लिए बड़ी संख्या में अभ्यर्थियों की भीड़ उमड़ी थी.
इधर डीएम गोपाल मीणा को जब सखी-सहेली फॉर्म की जानकारी हुई तो उन्होंने इसकी जांच-पड़ताल करने का निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि प्रथम दृष्टया यह विज्ञापन फर्जी है. उन्होंने अभ्यर्थियों को आगाह करते हुए कहा कि फॉर्म भरने से पहले वह पूरी तरह से जांच-पड़ताल कर लें. अन्यथा फॉर्म भरने के बाद फर्जीवाड़ा का मामला सामने आया, तो वह खुद ही जिम्मेवार होंगे.