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पटना : अभी मेहमान साइबेरियन के पंखों पर सवार बर्ड फ्लू!

कोलकाता और भोपाल भेजे गये सैंपल पटना : बिहार में पक्षियों की हो रही मौतें अभी थमी नहीं हैं. हाल ही में दानापुर छावनी क्षेत्र में असंख्य कौओं की मौत हुई है. वेटनरी विभाग ने इसके सैंपल विभिन्न स्तर पर जांच के लिए कोलकाता स्थित आडीडीडीएल लैब और भोपाल नेशनल लैब में भेजे हैं. इसके […]

कोलकाता और भोपाल भेजे गये सैंपल
पटना : बिहार में पक्षियों की हो रही मौतें अभी थमी नहीं हैं. हाल ही में दानापुर छावनी क्षेत्र में असंख्य कौओं की मौत हुई है. वेटनरी विभाग ने इसके सैंपल विभिन्न स्तर पर जांच के लिए कोलकाता स्थित आडीडीडीएल लैब और भोपाल नेशनल लैब में भेजे हैं.
इसके अलावा शहर में भी कई अन्य जगह कौए मर रहे हैं. पशुपालन विभाग के वरिष्ठ चिकित्सक इन मौतों की प्रथम दृष्टया वजह केवल बर्ड फ्लू को मान कर चल रहे हैं. मुंगेर और पटना जू में पक्षियों की मौत की आधिकारिक रिपोर्ट से इस बीमारी की पुष्टि हो चुकी है.
पशुपालन विभाग के वरिष्ठ पशु एवं पक्षी वैज्ञानिकों की रिपोर्ट इस बात पर एकमत है कि बिहार में बर्ड फ्लू साइबेरियन प्रवासी पक्षियों के जरिये हुआ है.
बिहार में मुंगेर से बर्ड फ्लू की शुरूआत हुई. वेटनरी कॉलेज के विशेषज्ञ चिकित्सक डॉ दीपक कुमार ने बताया कि अपवाद छोड़ दें तो अधिकतर पक्षियों की मौत नदियों और वेटलेंड नम भूमियों मसलन तालाब आदि के किनारे वाले इलाके में हुई हैं. सर्दियों में अक्सर साइबेरियन पक्षी विशेष रूट से बिहार पहुंचते हैं. मुंगेर के जिस गौरायी गांव में सबसे पहले पक्षी मरे, वहां प्रवासी पक्षियों की आमद देखी गयी थी. इसी तरह भागलपुर से लेकर पटना तक ये बर्ड फ्लू की दहशत देखी गयी.
वेटनरी कॉलेज के डीन डॉ एस सामंतरे ने बताया कि कौओं की मौत की वजह खास है. ये पक्षी भोजन की जरूरत को अक्सर गंदी जगहों पर और दूसरे पक्षियों के उत्सर्जित पदार्थों से पूरी करता है. चूंकि इन दिनों बिहार में नदियों एवं जलाशयों के किनारे प्रवासी साइबेरियन पक्षियों की भरमार है, इसलिए ये प्रभावित हुए हैं.

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