सीवान : दो अप्रैल से निगरानी विभाग भले हीं नियोजित शिक्षकों के अपूर्ण फोल्डरों की जांच कर रही है. परंतु अभी भी सैकड़ों ऐसे शिक्षक है, जिनका फोल्डर नियोजन इकाइयों प्रदान नहीं कर सकी है. ऐसे में शिक्षक नियोजन मामले में जांच पूरा होता नहीं दिख रहा है. शिक्षा विभाग के लाख सख्ती बरतने के बावजूद भी नियोजन इकाइयों में इसका कोई असर नहीं दिख रहा है.
मामले में इनके ऊपर प्राथमिकी भी दर्ज करायी गयी है. डीपीओ स्थापना कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार विभाग को अभी भी 861 शिक्षकों के फोल्डर का इंतजार है. ये सभी पंचायत शिक्षक है. विभाग के आंकड़ों पर गौर करे तो सितंबर 2016 तक जिले के विभिन्न प्रखंडों के पंचायतों में आठ हजार 228 पंचायत शिक्षकों की बहाली हो चुकी है. जिसमें सात हजार 367 नियोजित शिक्षकों का ही फोल्डर प्राप्त हुआ है. नियोजन में धांधली का यह खेल शुरू से ही जारी है. हालांकि सरकार के निदेश पर पिछले वर्ष विभाग ने दबाव बनाते हुए ऐसे शिक्षकों से स्वत: ही इस्तीफे की मांग किया था, जिनके नियोजन में धांधली बरती गयी थी,
या जिनके पास पूर्ण कागजात नहीं था. जिसके आलोक में कुछ शिक्षकों ने इस्तीफा भी दे दिया था. विभाग के आंकड़ों पर गौर करें तो सबसे अधिक जीरादेई प्रखंड में 275 पंचायत शिक्षकों का फोल्डर अप्राप्त है. यहां 453 नियोजित शिक्षकों में 178 का फोल्डर अप्राप्त है. हालांकि प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी शम्सी अहमद खान ने बताया कि हमारे यहां कुल 456 पंचायत शिक्षकों का नियोजन हुआ है. जिसके आलोक में सभी का फोल्डर जमा कर दिया गया है. बीआरसी के एक कर्मी ने बताया कि सितंबर 2016 के बाद कुछ शिक्षकों का फोल्डर जमा हुआ है, जिसे विभाग अपडेट नहीं कर सका होगा. सबका रीसिविंग प्रखंड संसाधन केंद्र में उपलब्ध है. इसके बाद भगवानुपर हाट में 130, हसनुपरा में 131, बड़हरिया में 91, दरौली में 98 तथा गोरेयाकरोठी प्रखंड में 45 शिक्षकों का फोल्डर प्राप्त नहीं हुआ है. इसके अलावे नौतन प्रखंड से एक, सीवान सदर से एक, आंदर से 64, मैरवा से दो तथा सिसवन से 22 पंचायत शिक्षकों का फोल्डर अप्राप्त होने की बात स्थापना विभाग बता रहा है.