Advertisement
पटना में सस्ता, जिले में महंगा रैनबसेरा
सुविधा के नाम पर बेड, बिछावन व कंबल की है व्यवस्था नहीं हैं पेयजल, बिजली व शौचालय जैसी महत्वपूर्ण सुविधाएं निर्माणाधीन दो रैनबसेरों में चलती हैं लाैंड्री, सैलून व बाइक रिपेयरिंग दुकानें सीवान : राष्ट्रीय कार्यक्रम राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के तहत शहरी क्षेत्र के आवासहीनों को आवास उपलब्ध कराने के उद्देश्य से सरकार ने […]
सुविधा के नाम पर बेड, बिछावन व कंबल की है व्यवस्था
नहीं हैं पेयजल, बिजली व शौचालय जैसी महत्वपूर्ण सुविधाएं
निर्माणाधीन दो रैनबसेरों में चलती हैं लाैंड्री, सैलून व बाइक रिपेयरिंग दुकानें
सीवान : राष्ट्रीय कार्यक्रम राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के तहत शहरी क्षेत्र के आवासहीनों को आवास उपलब्ध कराने के उद्देश्य से सरकार ने रैन बसेरा की व्यवस्था की है. लेकिन सुविधाविहीन नगर पर्षद के रैन बसेरा का 25 रुपये चार्ज गरीब आवासहीनों के लिए ठंड से भी भारी पड़ रहा है. इस कारण रैन बसेरा में रहने के बजाय गरीब रिक्शाचालक, ठेला चालक व रेहड़ी लगाने वाले ठंड में किसी तरह खुले आसमान के नीचे ही रात बिताने को मजबूर है.
रैन बसेरा का चार्ज 25 रुपये होने के कारण कोई भी गरीब इसमें नहीं रहता है. हालांकि सरकार ने कम आय वाले गरीब आवासहीनों के लिए रैन बसेरा की व्यवस्था की है. रैन बसेरा का चार्ज अधिक होने के कारण संचालित करने वाले एनजीओ के कार्यकर्ताओं ने कई कमरों को एक हजार रुपये महीने पर दे दिया है.
नगर पर्षद के तीन में एक रैन बसेरा है संचालित: नगर पर्षद ने शहरी क्षेत्र में तीन रैन बसेराें का निर्माण कराया है. इसमें से अग्रवाल पंप के पुराने रैन बसेरे का जीर्णोद्धार कराकर सितंबर, 2016 में चालू कर दिया गया. दो रैन बसेरों का निर्माण कार्य कछुए की गति से वर्षों से चल रहा है.
इसका कार्य कब पूरा होगा, यह तो विभाग के अधिकारी ही बता सकते हैं. कमरे तो बन गये हैं, लेकिन दरवाजे नहीं लगने से मकान में अवैध रूप से लौंड्री, सैलून तथा बाइक रिपेयरिंग की दुकानें खुल गयी हैं. अग्रवाल पंप के सामने वाले रैन बसेरे का नगर पर्षद ने शहरस्तरीय संघ श्री लक्ष्मीबाई महिला विकास स्वावालंबी सहकारी समिति लिमिटेड को पिछले साल सितंबर में संचालित करने के लिए दिया है. विभाग के अनुसार 20 बेड वाले इस रैन बसेरा में फिलहाल 10 बेड दिये गये हैं. संघ को रैन बसेरा में रहने वालों को रात में खाने की भी व्यवस्था करनी है. इसके लिए विभाग ने 50 रुपये एक दिन का निर्धारित किया है. खाने की व्यवस्था अभी नहीं होने से फिलहाल 25 रुपये ही रहने का चार्ज लिया जा रहा है.
आवश्यक सुविधाएं नहीं हैं गरीबों के रैनबसेरे में
नगर पर्षद क्षेत्र में संचालित एक मात्र रैन बसेरे में गरीबों के लिए पेयजल, बिजली व शौचालय जैसी आवश्यक सुविधा नहीं हैं. रहने वालों के लिए फिलहाल बेड, बिछावन व कंबल ही उपलब्ध है.
नगर पर्षद के अनुसार रैन बसेरे में गमछा, तकिया, ग्लास, थाली, जग, बाल्टी, कड़ाही, पतीला सहित पेयजल, बिजली व शौचालय की व्यवस्था करनी है.
नगर पर्षद के अनुसार रैन बसेरा के समीप हैंड पंप पानी पीने के लिए लगा है. शौचालय के लिए नगर पर्षद का पुराना जर्जर शौचालय है जो उपयोग करने लायक नहीं है. सवाल यह है कि जो 25 रुपये खर्च कर इसमें रहेगा उसके लिए कम-से-कम नगर पर्षद को स्वच्छ शौचालय की तो व्यवस्था करनी ही चाहिए.
क्या कहते हैं कार्यपालक पदाधिकारी
रैन बसेरा में रहने वाले को नियमानुकूल सुविधा मिलेगी. पीने के पानी सहित शौचालय की व्यवस्था करायी जा रही है. जहां तक एनजीओ द्वारा किराये पर देने की बात है, शिकायत मिलने पर जांच कर कार्रवाई की जायेगी. वहीं, पूर्व में शिकायत मिलने पर कई मामलों में कार्रवाई की भी गयी है.
बसंत कुमार, कार्यपालक पदाधिकारी, सीवान.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement