सीवान : 17 वर्ष विधानसभा चुनावी रंजिश को लेकर रामनरेश दूबे हत्याकांड के मामले में चतुर्थ अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी ने छह आरोपितों केा दोषी पाया है. तो वहीं एक आरोपित को साक्ष्य के अभाव में रिहा कर दिया है. सन 2000 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान रामनरेश दूबे की हत्या उस समय हुई. जब वे 17 फरवरी 2000 को अपने दरवाजे पर जानवरों को खिला रहे थे.
उनकी पत्नी सुमित्रा देवी ने असांव थाना कांड संख्या 3/2000 में अपने बयान में कहा है कि मेरे पति को गांव के ही रघुनाथर भगत ने कनपटी में पिस्टल सटा कर गोली मार दिया तथा शंकर दुसाध, विजय भगत, इंद्रदेव भगत, अक्षयवर राम, प्रभु चमार ने फरसा, लाठी, डंडे से मारकर मेरे पति को लहूलुहान कर दिया. मेरे पति घटनास्थल पर ही छटपटाने लगे.
उन्हें सदर अस्पताल सीवान लाया गया जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. पुलिस द्वारा अनुसंसान के दौरान एक और आरोपित राधा मोहन के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया गया था लेकिन साक्ष्य के दौरान दोष सिद्ध नहीं होने पर राधा मोहन भगत को कोर्ट ने रिहा कर दिया है. कोर्ट ने जजमेंट के लिए 18 दिसंबर की तिथि निर्धारित की है.