शहाबुद्दीन के खिलाफ गवाही की गयी पूरी
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आरोपित घूम रहे हैं खुलेआम मामला दो गांवों की हिसंक झड़प का केस उठाने का बना रहे दबाव
शहाबुद्दीन के खिलाफ गवाही की गयी पूरी सीवान : मंडल कारा में गठित विशेष अदालत सह एसीजेएम तीन मनोज कुमार श्रीवास्तव की अदालत में जेल के अंदर शहाबुद्दीन के कमरे से मोबाइल बरामदगी के मामले में तत्कालीन जेल अधीक्षक जय शंकर प्रसाद सिन्हा ने पूर्व सांसद मो शहाबुद्दीन के खिलाफ गवाही दी. शहाबुद्दीन के अधिवक्ता […]
सीवान : मंडल कारा में गठित विशेष अदालत सह एसीजेएम तीन मनोज कुमार श्रीवास्तव की अदालत में जेल के अंदर शहाबुद्दीन के कमरे से मोबाइल बरामदगी के मामले में तत्कालीन जेल अधीक्षक जय शंकर प्रसाद सिन्हा ने पूर्व सांसद मो शहाबुद्दीन के खिलाफ गवाही दी. शहाबुद्दीन के अधिवक्ता अभय कुमार राजन ने गवाह की जिरह पूरी की. गवाही के दौरान जेल अधीक्षक ने प्राथमिकी का समर्थन किया.
उन्होंने कहा कि एक जून, 2013 को जिला अधिकारी के निर्देशानुसार कारा के अंदर सभी वार्डों की सघन तलाशी ली गयी. इसी दौरान वार्ड नंबर 18 में शहाबुद्दीन के वार्ड की तलाशी के दौरान बिस्तर पर रखा एक मोबाइल मिला जिसमें एयरटेल का सिम लगा था
. सिम, बैटरी एवं अन्य सामान बरामद हुआ था. अन्य तीन मामलों में आंशिक सुनवाई की गयी. शहाबुद्दीन की तिहाड़ जेल से वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग द्वारा पेशी की गयी. विशेष अदालत ने अभियोजन की तरफ से विशेष अभियोजक जय प्रकाश सिंह, विशेष सहायक अभियोजक रघुवर सिंह व रामराज सिंह उपस्थित रहे.
दूसरे सत्र में विशेष न्यायाधीश सह प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश विनोद शुक्ल की अदालत में मुखिया प्रफुल्ल रंजन सिंह हत्या के मामले में कोर्ट ने गवाहों पर सम्मन जारी करने का निर्देश दिया. बताते चलें कि पांच मार्च, 2002 को मुखिया जब डाॅक्टर से इलाज कर अपने बाइक से बाॅडीगार्ड के साथ पचरुखी लौट रहे थे कि अपराधियों ने सीवान-छपरा मुख्य पथ पर गोली मार कर हत्या कर दी थी. दूसरी ओर राजीव रोशन हत्याकांड में गवाह उपस्थित नहीं हुए.
ठेकेदार शंकर यादव हत्याकांड में आरोप गठित
सीवान : फास्ट ट्रैक कोर्ट सरोज कुमार श्रीवास्तव की अदालत में शंकर यादव हत्याकांड के मामले में चार अभियुक्तों के खिलाफ आरोप गठन की प्रक्रिया पूरी की गयी. अब इस मामले में गवाहों की गवाही होगी. यह मामला आरोप गठन के लिए वर्षों से लंबित चल रहा था. बताते चलें कि मुफस्सिल थाने के श्रीनगर निवासी चंद्रेश्वर यादव ने अपने बयान में कहा है कि 22 नवंबर, 2008 की सुबह अपने भाई शंकर प्रसाद यादव के साथ दरवाजे पर बैठकर अखबार पढ़ रहा था कि प्रखंड मुख्यालय की तरफ से दो बाइक पर सवार चार व्यक्ति आये. आने के साथ ही श्रीनगर निवासी एकरान हुसैन ने कहा, जो आदमी गोद में बच्चा लिये है वही शंकर यादव है.
इतना सुनते ही महोद्दीनपुर निवासी कृष्णा पांडे ने गोद से बच्चा छीन लिया और बच्चे को पीछे हटा दिया, जिसे राजू लेकर घर में चला गया. एक अपराधी ने चेहरे से नकाब हटाकर एके-47 राइफल से मेरे भाई शंकर यादव पर अंधाधुंध फायरिंग कर दी. गोली की अावाज सुनकर ड्राइवर वीरेंद्र यादव आया उस पर भी मैरवा थाने के गंधुछापर गांव निवासी त्रिभुवन तिवारी ने एके-47 से गोली चलायी जिससे वह भी जख्मी होकर गिर गया और पूर्वी चंपारण के संग्रामपुर थाने का दरियापुर निवासी संतोष मिश्र ने चेतावनी देते हुए फायरिंग की.
उसने अपने बयान में यह भी कहा है कि त्रिभुवन तिवारी व संतोष मिश्र ने मेरे भाई को धमकी देते हुए कहा था कि तुम ठेकेदारी छोड़ दो, नहीं तो बुरा अंजाम भुगतना पड़ेगा. कोर्ट में तीन अभियुक्त त्रिभुवन तिवारी, एकरार हुसैन, ज्ञानदेव पुरी उपस्थित थे. उन्हें कोर्ट ने आरोप का सारांश पढ़ कर सुनाया. तीनों आरोपितों ने घटना का अंजाम देने से इन्कार किया. इस पर कोर्ट ने भादवि की धारा 302, 307, 27 आर्म्स एक्ट के अंतर्गत आरोप का गठन किया. साक्ष्य के लिए 11 दिसंबर को तिथि निर्धारित की गयी.
अभियोजन की तरफ से लोक अभियोजक हरेंद्र सिंह व अधिवक्ता राजेश सिंह तथा बचाव पक्ष की तरफ से वरीय अधिवक्ता इष्टदेव तिवारी न्यायालय में उपस्थित रहे.
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