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दिव्यांग संदीप ने पहले गाने से जीता दिल, अब ओडीएफ के लिए कर रहा प्रेरित

सीवान : युवा जोश, कुछ करने की ललक और उम्मीदें. वह दोनों आंखों से दिव्यांग हैं. लेकिन जुनून ने उसको पीछे नहीं हटने दिया. जिले को खुले में शौच से मुक्त बनाने के लिए वह तेजी से जुटा है. आज उसकी पहल ओडीएफ पंचायतों को बनाने में सहारा बन रही है. यह है जिले का […]

सीवान : युवा जोश, कुछ करने की ललक और उम्मीदें. वह दोनों आंखों से दिव्यांग हैं. लेकिन जुनून ने उसको पीछे नहीं हटने दिया. जिले को खुले में शौच से मुक्त बनाने के लिए वह तेजी से जुटा है. आज उसकी पहल ओडीएफ पंचायतों को बनाने में सहारा बन रही है. यह है जिले का संदीप कुमार यादव. यह बचपन से ही दिव्यांग है. सुबह के चार बजे हैं और लोग खुले में शौच करने के लिए जा रहे हैं. ऐसे में ही लोगों की कानों में सायरन की आवाज सुनायी देती है तो लोग अाश्चर्यचकित हो जाते हैं. कुछ देर के लिए सड़क किनारे ही खड़े हो जाते हैं. तभी एक युवक पर नजर पड़ती है. वह उसी दौरान सायरन के आवाज निकालने के बाद गीत गाने लगता है़

घर-घर शौचालय का निर्माण कीजिए, डीएम सर के बतिया पर अब ध्यान दीजिए. इस पर लोग उससे पूछते हैं, तो वह कहता है कि अब गांव व पंचायत को ओडीएफ किया जा रहा. खुले में शौच करने के लिए जाने की जरूरत नहीं है क्योंकि इससे बीमारी होती है. आप भी अपने घरों में शौचालय बनवाएं. इसके लिए सरकार अनुदान भी दे रही है. जिसके मुख्य से सायरन की आवाज निकल रही है वह कोई और नहीं वह दिव्यांग संदीप कुमार यादव है. वह बचपन से ही दिव्यांग है.
उसे दोनों आंखों से दिखाई तो नहीं देता है लेकिन इन दिनों लोगों तक पहुंचकर खुले में शौच से मुक्त गांव बनाने की अपील कर रहा है. संदीप आंदर प्रखंड के मानपुर पतेजी गांव के काशीनाथ यादव का पुत्र है.
विद्यालय में गीत सुन स्वच्छ भारत मिशन की टीम ने किया चयन : ओडीएफ को लेकर गांव में टीम पहुंची थी, तो उसने अपने विद्यालय की तरफ से गीत प्रस्तुत किया था. उसी दिन स्वच्छ भारत मिशन की टीम ने उसका चयन पंचायतों को ओडीएफ करने में मदद करने के लिए रख लिया. आज वह आंदर ही नहीं, सीमावर्ती दरौली प्रखंड के गांवों का भी भ्रमण कर लोगों को शौचालय बनाने के लिए प्रेरित कर रहा है. 19 नवंबर को नगर के टाउन हॉल में इसके प्रचार-प्रसार को देख कर जिलाधिकारी महेंद्र कुमार ने स्वच्छता सम्मान से पुरस्कृत किया था. इसके बाद से पूरे गांव में जश्न का माहौल है. वह सुबह चार बजे उठकर गांव में निकल जाता है. इस दौरान किसी को भी खेतों में या सड़क किनारे शौच नहीं करने देता है. स्वच्छता गीतों के साथ-साथ सायरन बजाते हुए गांव में घूमता है. आज इसके अभियान का चर्चा पूरे जिले में होने लगी है. वह गांव में स्वच्छताग्रही या अधिकारियों के साथ पहुंचता है.
डीएम के समक्ष संदीप प्रस्तुत कर चुका है अपना गीत
जिलाधिकारी महेंद्र कुमार के समक्ष अपने गीत को प्रस्तुत किया था. खुद अपना गीत उन्हें सुनाते हुए ही कुर्सी से ही ढोलक का आवाज निकाल रहा था. इस दौरान जिलाधिकारी ने खुद जिला प्रेरक से कहा कि इस दिव्यांग संदीप को राज्य से लेकर केंद्र तक प्रचार-प्रसार में मदद लिया जा सकता है. आनेवाले समय में एक आइकन भी बन सकता है. इस दौरान जिला प्रेरक प्रिंस ने जिलाधिकारी को बताया कि लोगों को यह दिव्यांग युवा खुले में शौच नहीं जाने देता है. सुबह होते ही इन दिनों अधिकारियों के साथ मॉर्निग फ्लोऑप में भी निकल जा रहा है और लोगों को काफी प्रेरित कर रहा है. पिता काशीनाथ यादव का कहना है कि पुत्र संदीप कुमार गांव के ही विद्यालय में अपनी पढ़ाई करता है. इसी दौरान जब उसे जानकारी हुई कि सरकार की तरफ से पंचायतों को ओडीएफ करने के लिए शौचालय बनाया जा रहा है, तो उसी समय से वह भी लोगों को प्रेरित करने में लग गया है. इसका सहयोग परिवार के सभी सदस्य करते हैं.
क्या कहते हैं डीडीसी
दिव्यांग संदीप कुमार आज के समय पंचायतों को ओडीएफ करने के लिए काफी मदद प्रशासन कर रहे हैं. सुबह होते ही गांव में निकल जाते हैं और लोगों को खुले में शौच जाने से मना करते हैं. इनके इस कार्य को देखकर सम्मानित भी किया गया था.
विधु भूषण चौधरी, डीडीसी, सीवान.

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