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35 प्रतिशत कम पहुंचे पटाखे, बढ़े दाम
तैयारी. जिले में पटाखों की दुकान के लाइसेंस के लिए 46 लोगों ने ही दिया है आवेदन सीवान : परंपरा के अनुसार, दीपावली के अवसर पर घरों को रोशन करने के साथ लोग पटाखे जरूर छोड़ते हैं. यही वजह है कि दीपावली से पहले शहर का बाजार पटाखों के विभिन्न आइटमों से पट गया है. […]
तैयारी. जिले में पटाखों की दुकान के लाइसेंस के लिए 46 लोगों ने ही दिया है आवेदन
सीवान : परंपरा के अनुसार, दीपावली के अवसर पर घरों को रोशन करने के साथ लोग पटाखे जरूर छोड़ते हैं. यही वजह है कि दीपावली से पहले शहर का बाजार पटाखों के विभिन्न आइटमों से पट गया है. हर साल की भांति इस वर्ष भी बाजार में मुर्गा छाप पटाखों, अनार व चरखी की डिमांड बरकरार है.
हालांकि इस बार बाजारों में जीएसटी की मार पटाखाें की दुकानों पर देखने को मिल रही है. पहले जैसे दुकानों पर रौनक देखने को नहीं मिल रही है, क्योंकि पूर्व की तरह इस बार पटाखा दुकानों में नहीं पहुंचा है. दुकानदारों का कहना है कि जीएसटी के कारण इस बार पूर्व के वर्ष में हुई बिक्री के अनुसार 35 प्रतिशत पटाखा कम पहुंचा है. इसका असर बाजार पर देखने को मिल रहा है. वहीं, इस बार जिला प्रशासन को लाइसेंस के लिए मात्र 46 दुकानदारों ने पूरे जिले से आवेदन किया है. लेकिन, हर बाजार में दस से अधिक दुकानें सजती हैं. शहर में ही सैकड़ों की संख्या में दुकानें सजती हैं.
19 अक्तूबर को दीपावाली का पर्व पूरे जिले में धूमधाम के साथ मनाया जायेगा. इसको लेकर अभी से ही लोग पटाखे की खरीदारी में जुट गये हैं. पर्व नजदीक आ गया है, लेकिन अभी तक किसी भी दुकानदार को जिला प्रशासन के द्वारा लाइसेंस नहीं दिया गया है. उसके बाद भी पटाखे की बिक्री खूब हो रही है. वहीं, सुरक्षा के दृष्टिकोण से दुकानदारों द्वारा अपनी-अपनी दुकान के सामने गैस सिलिंडर, पानी व बालू रखा गया है, ताकि किसी तरह की घटना होने पर उससे बचा जा सके.
दुकानों पर सुरक्षा का करना होगा इंतजाम : दीपावली के मौके पर पटाखे की दुकान लगाने वाले दुकानदारों को पहले आग से बचने के लिए सुरक्षा के समुचित इंतजाम करने होंगे. ऐसा नहीं होने पर उन्हें दुकान लगाने की इजाजत नहीं मिलेगी. यदि दिशा-निर्देशों की अनदेखी की गयी, तो कड़ी कार्रवाई होगी. दुकानों को निर्धारित और खुले स्थान पर ही लगाने का खासतौर से निर्देश दिया गया है.
निर्धारित तीव्रता से अधिक आवाज वाले पटाखों का इस्तेमाल करने वाले लोगों तथा बेचने वाले दुकानदारों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई किये जाने की चेतावनी दी गयी है. प्रभारी जिलाधिकारी राजकुमार ने बताया कि 46 दुकानदारों ने लाइसेंस के लिए आवेदन दिया है. आवेदन मिलने के बाद जांच करायी जा रही है और जो मानक है, उसे आधार मान कर जांच चल रही है. जांच के बाद जल्द ही लाइसेंस दे दिया जायेगा.
जीएसटी की मार से दुकानदारी प्रभावित : पटाखे के खुदरा विक्रेताओं का कहना है कि इस बार जीएसटी की मार पटाखा उद्योग पर पड़ी है. पटाखा पर 28 प्रतिशत जीएसटी के लागू होने के कारण बाहर से कम माल आ रहा है. पिछले वर्षों के ही बचे अधिकतर पटाखा इस वर्ष मार्केट में चल रहे हैंं.
28 प्रतिशत जीएसटी कर लगने के कारण पटाखाें के दामों में भी वृद्धि हुई है. इस पर्व बाजार में चाइनीज पटाखा का जलवा नहीं है. पूर्व वर्षों की भांति इस वर्ष चाइनीज पटाखा बाजार से गायब हैं. देश में ही निर्मित पटाखाें की बिक्री हो रही है. हालांकि कुछ दुकानदारों ने बताया कि चाइनीज पटाखा बेचने में खतरा भी अधिक रहता था, क्योंकि उसमें नकली बारूद रहने के कारण कभी-कभी दुर्घटना भी हो जाती थी.
दुकान लगाने के क्या हैं मानक
बिजली के तार के नीचे और ट्रांसफाॅर्मर के आसपास दुकानें नहीं लगायी जायेंगी.
खुले पटाखों के बेचने अनुमति नहीं होगी
दुकानदारों को पांच किलो क्षमता का डीसीपी फायर एक्सटिग्यूशर (अग्निशमन उपकरण) रखना होगा.
दुकानों में बालू से भरी दो बाल्टियां और पानी भरा ड्रम के साथ ही दो बोरा बालू अतिरिक्त बालू और बेलचा भी रखना होगा.
दुकानों में लालटेन, मोमबत्ती, लैंप या किसी भी नंगे चिराग का प्रयोग प्रतिबंधित होगा.
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