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नहर का बांध टूटा, कई कार्यालय जलमग्न

खेताेंं में घुसा पानी फसलें डूबीं गंडक विभाग की कार्यशैली पर उठा प्रश्नचिह्न महाराजगंज : तरवारा से महाराजगंज प्रखंड के नजदीक से गुजरने वाली गंडकी नहर का दूसरी बार बांध टूटने से प्रखंड परिसर सहित आधा दर्जन कार्यालय पूरी तरह से झील में तब्दील हो गये हैं. साथ ही आसपास के खेतों में नहर का […]

खेताेंं में घुसा पानी फसलें डूबीं
गंडक विभाग की कार्यशैली पर उठा प्रश्नचिह्न
महाराजगंज : तरवारा से महाराजगंज प्रखंड के नजदीक से गुजरने वाली गंडकी नहर का दूसरी बार बांध टूटने से प्रखंड परिसर सहित आधा दर्जन कार्यालय पूरी तरह से झील में तब्दील हो गये हैं. साथ ही आसपास के खेतों में नहर का पानी लगने से खेत में लगी फसल पूरी तरह बर्बाद हो गयी.
वहीं, प्रखंड परिसर तीन से चार फुट पानी लगने से विभिन्न विभाग के कार्यालय में पदस्थापित कर्मचारियों को जाने में परेशानीउत्पन्न हुई. हालांकि प्रखंड परिसर पहले से ही नीचे लेवल में है. इससे पानी का जमाव हुआ है. बताया जाता है कि प्रखंड परिसर में स्थित ई.
किसान भवन के पीछे किसानों ने अपने खेत में धान की फसल लगाया है. साइफन के माध्यम से अपने धान की सिंचाई करते हैं. सोमवार की सुबह नहर का बांध टूटने से बीआरसी, प्रखंड कार्यालय, अंचल कार्यालय, बाल विकास कार्यालय, एफसीआई गोदाम, कौशल विकास केंद्र, वन विभाग परिसर में जलजमाव हो गया. नहर का बांध टूटने की सूचना सीओ रवि राज द्वारा संबंधित पदाधिकारियों को दी गयी.
सूचना मिलते ही गंडक विभाग के अधिकारियों ने आनन-फानन में गंडक नहर के बांध को ठीक कराया. अगर समय रहते उसे ठीक नहीं कराया जाता है, तो यहां भयानक स्थिति उत्पन्न हो सकती है. इधर, नहर के पानी से आसपास के खेतों मे लगी कई एक एकड़ धान की फसल बर्बाद हो गयी.
प्रखंड परिसर में जलजमाव से परेशानी हुई. महाराजगंज नपं के पूर्व उपाध्यक्ष इसाद आलम ने कहा कि नहर का बांध बार-बार टूटने से प्रखंड परिसर मे जलजमाव वाकई में एक बड़ी समस्या है. इसके निदान के लिए तुरंत आवश्यकता की जरूरत है.
दूसरी बार टूटा बांध, बाढ़ग्रस्त क्षेत्र के जैसा पैदा हुए हालात
महाराजगंज. गंडकी नहर का बांध दो सप्ताह पहले टूटा था. हालात बिगड़ने पर आनन-फानन में गंडक विभाग ने आनन-फानन में मरम्मत कर दी.
इस दरम्यान पानी की सप्लाई को रोक दिया गया था. जब गंडक नहर में पानी दोबारा आया तो लगभग पंद्रह फुट बांध टूट गया और देर रात प्रखंड विकास पदाधिकारी अंचल पदाधिकारी तथा राजस्व कर्मचारी, अग्निशमन कर्मी आवास, बाल विकास परियोजना कार्यालय, कौशल विकास केंद्र के आवास की चारों तरफ दो से तीन फुट पानी जम गया है. वहीं, पसनौली निवासी दूधनाथ साह के पुत्र लुटावन ने बताया कि रविवार के दिन 30 कट्ठा खेत में सरसों बोया था.
जुताई से लेकर बोआई तक का खाद, बीज समेत लगभग 12000 रुपये खर्च किये थे और गंडक विभाग की लापरवाही के चलते, हमें भारी नुकसान का सामना करना पड़ा है. बांध टूटा और 30 कट्ठा खेत में लगभग तीन से चार फुट पानी जम गया. गंडक विभाग के गलत रवैये की शिकायत करने के लिए लुटावन ने अनुमंडल पदाधिकारी, प्रखंड विकास पदाधिकारी, प्रखंड अंचल पदाधिकारी को आवेदन देने की बात कही है.
उन्होंने कहा कि पहली बार जब बांध टूटा था, तो इतनी मात्रा में पानी नहीं आया था. पहले के हालात को देखते हुए बांध की अच्छी तरह से मरम्मत की गयी होती, तो आज इतनी बड़ी तबाही नहीं हुई होती. वहीं, पसनौली निवासी मनोज सिंह का कहना है कि महाराजगंज में मेरा घर ऊंचाई पर है. इस कारण हम बाढ़ से पूर्णतया प्रभावित होने से बच जाते हैं. नहीं, तो बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों के हालात देख रूह कांप उठती है.
गंडकी नहर का दोबारा बांध टूटना गंडक विभाग की लापरवाही उजागर करता है. वहीं नहरों में एक बार नजर दौड़ायी जाये, तो बड़े-बड़े खरपतवार जमे हुए हैं और बांध भी कहीं-कहीं कमजोर है. यह तो संयोग ही है कि बांध पर प्रखंड कार्यालय की तरफ टूटा है, यदि पसनौली गांव की तरफ टूटा होता, तो कई एक एकड़ जमीन की धान की फसल बर्बाद हो जाती.

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