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समय की मांग से रह गया काफी पीछे

सीवान : सीवान-छपरा मुख्य मार्ग पर स्थित पचरुखी बाजार समय को नजर अंदाज करते-करते काफी पीछे छूट गया. करीब 70 वर्ष से अधिक पुराने इस बाजार में आढ़तियों की बोली लगती थी. समीप में चीनी मिल होने के कारण दूर-दराज से कारोबारी यहां सौदा करने आते थे. व्यवसायियों के बीच परशुरामपुर के नाम से प्रसिद्ध […]

सीवान : सीवान-छपरा मुख्य मार्ग पर स्थित पचरुखी बाजार समय को नजर अंदाज करते-करते काफी पीछे छूट गया. करीब 70 वर्ष से अधिक पुराने इस बाजार में आढ़तियों की बोली लगती थी. समीप में चीनी मिल होने के कारण दूर-दराज से कारोबारी यहां सौदा करने आते थे. व्यवसायियों के बीच परशुरामपुर के नाम से प्रसिद्ध इस बाजार को पचरुखी बाजार के नाम से जाने जाना लगा. तक व्यापकता के बीच बाजार का रूप कुछ और ही था. आज उसकी जगह ऊंची-ऊंची इमारतों ने ले ली है.

पुराने मार्केट के जगह पर कई नये मार्केट बन गये हैं. स्थानीय लोगों व व्यवसायियों की मानें तो जो सामान कभी सीवान में नहीं मिलता था, उसकी पूर्ति पचरुखी बाजार करता था. आज भी राशन व खाद के मामले में इस बाजार का मुकाबला सीवान नहीं करता है. मिल खुलने के साथ ही बाजार ने काफी विकास किया, परंतु मिल बंद होने के बाद से विकास रुक गया. आज मुख्य रूप से खाद, राशन, ज्वेलरी, रेडीमेड कपड़ाें सहित अन्य सामान के लिए लोग यहां आते हैं.

बाजार के बीचोबीच स्थित प्रसाद मार्केट लोगों के लिए सुविधा का केंद्र बन गया है. एक ही जगह लोगों के कई आवश्यकताओं की पूर्ति होती है. अब तो शिक्षा के हब के रूप में भी यह विकसित हो रहा है. बाजार के बीचोबीच 10 कट्ठा से अधिक सहकारिता की जमीन है. इस जमीन पर सोसाइटी ने दुकानें भी बना रखी हैं. दूसरी ओर सुबह-शाम सब्जी व्यापारियों की काफी भीड़ लगती है. स्थानीय लोगों के अलावा व्यापारी भी यहां आते हैं. स्थानीय किसानों को सब्जी बेचने के लिए दूर नहीं जाना पड़ता है.

दूसरी ओर इतने बड़े बाजार में सुविधा नहीं के बराबर है. बाजार में मूलभूत सुविधाओं का अभाव है. राहगीरों के लिए शौचालय नहीं है. इससे महिलाओं को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. मौजूदा समय में बाजार के समीप प्रखंड मुख्यालय, थाना, कन्या हाई स्कूल सह इंटर कॉलेज सहित अन्य सरकारी कार्यालय स्थित हैं. रेलवे स्टेशन करीब होने से व्यवसायियों को सुगमता रहती है.

बाजार का विकास समय की मांग के अनुसार नहीं हो सका. यह मार्केट कई मामलों में सीवान की बराबरी करता है, खासकर राशन एवं खाद व्यवसाय के मामले में. पर आधारभूत सुविधा का अभाव है.
महावीर प्रसाद, व्यवसायी
बाजार में सहकारिता द्वारा शौचालय का निर्माण नहीं कराने से लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. खासकर आधी आबादी को काफी दिक्कतें होती हैं. बाजार में मूलभूत सुविधाओं का अभाव है.
निर्मल सिंह, किसान
बाजार आज अतिक्रमण की चपेट में है. कई दुकानदारों ने सड़क को अतिक्रमण कर रखा है. इससे जाम की समस्या उत्पन्न होती है व कारोबार पर भी प्रभाव पड़ता है. प्रशासन को ध्यान देने की जरूरत है.
रामदेव सिंह, किसान
अतिक्रमण से छात्र-छात्राओं को स्कूल जाने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. अक्सर जाम में फंसने से क्लास छूटने का डर सताने लगता है. सबसे ज्यादा परेशानी लड़कियों को होती है.
मोहिनी कुमारी, छात्रा
सड़क किनारे खुले में मुर्गा काटने से गंदगी बनी रहती है. प्रशासन को मुख्य बाजार से कुछ दूरी पर मुर्गा काटने की व्यवस्था करनी चाहिए. इससे धार्मिक भावना भी आहत होती है.
संतोष कुमार, पूर्व मुखिया
पेयजल की सुविधा तक बाजार के नाम पर नहीं है. बाजार आने-वाले लोगों को पेयजल की सुविधा होनी चाहिए. सबसे अधिक परेशानी गर्मी के दिनों में लोगों को होती है. पानी के लिए लोग भटकते रहते हैं.
जयराम गुप्ता, दुकानदार
बाजार में जर्जर तार से काफी डर बना रहता है. समय के अनुसार बाजार विकास के मामलों में काफी पीछे छूटता जा रहा है. सुरक्षा के नाम पर कुछ करने की जरूरत है.
संदीप कुमार, युवा व्यवसायी, फोटो-18
बाजार में प्रकाश की समुचित व्यवस्था नहीं है. इससे शाम में बाजार करने आनेवाले लोगों को परेशानी होती है. हाई मास्ट लाइट की व्यवस्था स्थानीय प्रशासन को करने की जरूरत है.

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