तफतीश. ट्यूशन टीचर ने राहुल के परिवार की आर्थिक स्थिति का किया था आकलन
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एक माह पहले बनी थी अपहरण की योजना
तफतीश. ट्यूशन टीचर ने राहुल के परिवार की आर्थिक स्थिति का किया था आकलन सीवान : नगर के नया बाजार निवासी व्यवसायी पुत्र विष्णु राज उर्फ राहुल के अपहरण व हत्याकांड के खुलासे में नये-नये तथ्य सामने आ रहे हैं. राहुल की हत्या को अंजाम देने में शामिल रहे दीपू ने भी इस मामले में […]
सीवान : नगर के नया बाजार निवासी व्यवसायी पुत्र विष्णु राज उर्फ राहुल के अपहरण व हत्याकांड के खुलासे में नये-नये तथ्य सामने आ रहे हैं. राहुल की हत्या को अंजाम देने में शामिल रहे दीपू ने भी इस मामले में कई नये खुलासे किये हैं. अब यह खुलासा हुआ है कि एक माह पहले ही राहुल के अपहरण की योजना ट्यूटर संदीप, भरत व मीरगंज के आजाद ने मिलकर बना ली थी. इसके लिए उन्हें उचित मौके की तलाश थी. पुलिस की जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि भरत की लिट्टी चाय की दुकान पर ही मास्टरमाइंड ट्यूशन टीचर संदीप, भरत व आजाद ने मिलकर राहुल के अपहरण की पूरी योजना बना डाली. साथ ही इसमें अन्य को भी शामिल किया.
अपहरण के दो दिन पहले भरत की दुकान पर मिले थे तीनों : राहुल के अपहरण की योजना को अंतिम रूप देने के लिए अस्पताल मोड़ पर भरत प्रसाद की दुकान पर ट्यूटर संदीप व आजाद पहुंचे तीनों ने एक साथ मिलकर इसे बुधवार की शाम को अंजाम देने की योजना को अंतिम रूप दे दिया.
दुकान से ही आजाद ने बोलेरो मालिक को फोन कर कहा कि काम को परसों पूरा कर देना है. दोपहर के बाद अपनी गाड़ी लेकर जिगना ढाला पहुंच जाना.
ट्यूशन टीचर की राहुल के परिजनों से हो गयी थी नजदीकी
मुहल्ले के ही किशोर राहुल को स्कूल के लौटने के बाद हर शाम ट्यूशन पढ़ाने उसके घर पहुंचता था. इधर, मुहल्ले का होने के कारण ट्यूटर संदीप की राहुल के परिवार से कुछ अधिक ही नजदीकी हो गयी थी और उसे अपनापन और स्नेह भी अधिक मिल रहा था. इधर, राहुल का परिवार भी अच्छे से रहने व खानपान का शौकीन था. साथ ही इसके घर में सभी आधुनिक गैजेट उपलब्ध थे. इससे भी संदीप ने राहुल के परिवार का आकलन किया कि यह लोग बहुत ही धनी है. साथ ही, इधर राहुल के पिता द्वारा आभूषण की दुकान करने के बाद उसे विश्वास हो गया कि इनलोगों के पास काफी पैसा है. इसके साथ ही राहुल परिवार का इकलौता चिराग था. संदीप ने राहुल के परिवार की सारी बात भरत से साझा की. भरत ने अपने साथी आजाद को इन सभी मामलों की जानकारी दी.
आसानी से फिरौती मिलने की थी उम्मीद
भरत की चाय की दुकान पर जुलाई के प्रथम सप्ताह में आजाद, भरत व ट्यूशन मास्टर संदीप मिलते हैं. तीनों राहुल के परिवार की आर्थिक हालत एवं पारिवारिक स्थिति के बारे में आपस में विचार-विमर्श कर उसके अपहरण की योजना बना देते हैं. इस दौरान संदीप कहता है कि राहुल इकलौता है और उसका बाप भी सीधा-साधा व बेवकूफ किस्म का है. आसानी से फिरौती की रकम चुका देगा. फिर तीनों विचार कर कहते हैं सॉफ्ट टारगेट है, डन किया जाये. तीनों इस योजना को अंजाम देने के लिए सही मौके की तलाश में जुट जाते हैं.
गिरफ्तार अपराधी भेजे गये जेल
राहुल अपहरण व हत्याकांड में पुलिस के हत्थे चढ़े सभी नौ अपराधियों को सोमवार को जेल भेज दिया गया. इसमें गोपालगंज जिले के मीरगंज के जिगना गांव का धनंजय उर्फ भज्जू, बड़का जिगना का राज किशोर सिंह उर्फ सिंघानिया, मीरगंज थाने के ही बसंतपुर गांव का दीपू कुमार, प्रभुनाथ साहनी, आकिब अंसारी व बसंती देवी शामिल हैं. साथ ही गोपालगंज थाने के डुमरिया गांव के अब्दुल्ला अंसारी के साथ ही हथुआ थाने के मनीछापर गांव निवासी विकास प्रसाद व सीवान नगर थाने के नया बाजार निवासी ट्यूशन टीचर संदीप कुमार को जेल भेजा गया है.
अपहरण में प्रयुक्त बोलेरो जब्त, पिकअप की तलाश जारी
राहुल के अपहरण में जिस बोलेरो का प्रयोग हुआ था, उसे पुलिस ने बरामद कर लिया है. बरामद बोलेरो मीरगंज थाने के मटिहानी गांव निवासी दिलीप सिंह की है. पुलिस अब दिलीप व वाहन चालक की भी तलाश में जुटी है. वहीं राहुल की हत्या कर जिस पिकअप वैन से उसके शव को अमलोरी सरसर में फेंका गया था, उसकी पहचान व तलाश में पुलिस जुटी है.
आजाद, मिठू व लालबाबू की तलाश जारी : हत्याकांड के खुलासे के बाद मास्टरमाइंड आजाद अली, मिठू कुमार व लालबाबु की तलाश में छापेमारी जारी है. एसआइटी इनकी तलाश में लगातार छापेमारी में जुटी हुई है.
मिठू ने ही मोबाइल से राहुल के पिता राज कुमार गुप्ता से फिरौती की रकम मांगी थी. वहीं, आजाद अली और लालबाबू ने दीपू के साथ मिल कर रस्सी से गला घोंट कर राहुल की हत्या को अंजाम दिया था.
निकाला जा रहा जब्त मोबाइलों का कॉल डिटेल
राहुल अपहरण व हत्याकांड के खुलासे के बाद पुलिस अब फरार तीनों अपराधियों की गिरफ्तारी में जुटी है. साथ ही अपराधियों के पास से बरामद आठ मोबाइल नंबरों का कॉल डिटेल निकाल कर भी उसकी जांच की जा रही है. इस मामले में गिरफ्तार अपराधियों का स्पीडी ट्रायल चला कर सजा दिलायी जायेगी. साथ ही मामले के खुलासे को 48 घंटे अंदर अंजाम तक पहुंचानेवाले पुलिस अधिकारियों को पुरस्कृत किया जायेगा.
सौरभ कुमार शाह, एसपी, सीवान
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