महाराजगंज : गरमी के बढ़ने के पूर्व से ही महाराजगंज रेलवे स्टेशन पर जल संकट की स्थिति उत्पन्न है. वैसे तो शहर के विभिन्न इलाकों में पानी का लेयर नीचे चले जाने से जल संकट की स्थिति बनी हुई है. वही हाल स्टेशन परिसर के साथ भी दिख रहा है, जहां पूर्व का लगा हैंड पंप सूखा पड़ा है. ट्रेन से आनेवाले यात्रियों को पानी की किल्लत से परेशानी होती है.
यूं तो ट्रेन पकड़ने वाले लोग घर से बोतल में पानी भर कर लाते हैं, मगर ट्रेन से उतरने वालों को पानी के लिए परेशानी होती है. स्टेशन पर रेलवे द्वारा दो चापाकल लगाये गये हैं. लेकिन दोनों चापाकल दो साल से सूखे पड़े हैं. पानी के लिए स्टेशन से बाहर जाना पड़ता है. सबसे ज्यादा परेशानी उनको होती है, जिनके साथ बच्चे यात्रा करते हैं. जब स्टेशन पर गाड़ी रुकती है, चापाकल से पानी लेने के लिए यात्रियों की लंबी कतार लग जाती है. इस संबंध में ठेकेदार कामख्या सिंह ने कहा कि चापाकल मरम्मत व नये चापाकल गाड़ने के लिए रेलवे अधिकारियों को लिखा गया है. शीघ्र इस समस्या का समाधान कर लिया जायेगा.
पानी पहले लेने के लिए होती है झड़प
स्टेशन पर अक्सरहां नौबत यहां तक आ जाती है कि पानी पहले भरने के दौरान लोगों की आपस में झड़प तक हो जाती है. स्टेशन परिसर के चापाकलों की मरम्मत नहीं होना और नये चापाकलों को नहीं गाड़े जाने से यात्रियों के सामने जल संकट की स्थिति पैदा है.
क्या कहते हैं लोग
लेयर नीचे चले जाने के कारण स्टेशन के चापाकल सूखे पड़े हैं. एक हैंड पंप से थोड़ा बहुत पानी निकलता है. वह भी सही से यात्रियों को नहीं मिल पाता है. इससे उनको परेशानी होती है.
मैनेजर सिंह, महाराजगंज
जल संकट की स्थिति का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि पानी को लेकर आपस में लोग झगड़ने पर उतारू हैं. स्टेशन पर बोतल बंद पानी बेचने वाले लोग मनमानी दर वसूलते हैं.
खुर्शीद आलम, मोहन बाजार
रेलवे विभाग को स्टेशन पर यात्रियों के लिए पानी की सुविधा के लिए अविलंब हैंड पंप लगाना चाहिए. पानी जीवन के लिए अनमोल है. स्टेशन के लोग व सामाजिक क्षेत्र के लोगों को आगे आकर पानी की व्यवस्था की मांग करनी चाहिए.
फोटो-17 सरिता देवी, पड़ौली
स्टेशन पर नया चापाकल गाड़ने के लिए स्थानीय एमपी के माध्यम से रेल विभाग के बनारस जोन के महाप्रबंधक को पत्र लिखा गया है. जल्द ही चापाकल लगने का अनुमान है.
फोटो- 18 मोहन कुमार पद्माकर, महाराजंगज