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कैश की कमी से नहीं हुआ एक्सचेंज

नोटबंदी. सुबह से शाम तक लगी रही कतार, परेशानी से नहीं मिली िनजात सीतामढ़ी : शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों के बैंकों में मंगलवार को सुबह से ही लंबी-लंबी कतारें लगी. हालांकि, विगत छह दिनों के अपेक्षा कतारें छोटी थी. इलाहाबाद बैंक में दिनभर एक्सचेंज किया गया, इसलिए वहां लंबी कतारें लगी थी. वहां महिला, […]

नोटबंदी. सुबह से शाम तक लगी रही कतार, परेशानी से नहीं मिली िनजात

सीतामढ़ी : शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों के बैंकों में मंगलवार को सुबह से ही लंबी-लंबी कतारें लगी. हालांकि, विगत छह दिनों के अपेक्षा कतारें छोटी थी. इलाहाबाद बैंक में दिनभर एक्सचेंज किया गया, इसलिए वहां लंबी कतारें लगी थी. वहां महिला, विकलांग व वरिष्ठ नागरिकों के लिए अलग-अलग काउंटर का निर्माण कराया गया था. बाटा गली स्थित एसबीआई बाजार शाखा में भी सुबह से एक्सचेंज किया गया, लेकिन दोपहर करीब दो बजे कैश की कमी के मद्देनजर शाखा प्रबंधक द्वारा ध्वनी विस्तार यंत्र के माध्यम से एलाउंस कर कतार में खड़े लोगों से अपील की गयी कि केवल खाताधारियों को ही एक्सचेंज की सुविधा मिलेगी. अन्य लोग अपने-अपने खाता वाले बैंकों में जाने को कहा गया. घोषणा के कुछ ही देर बाद कतार खाली हो गया.
इलाज के लिए जाना था पटना मिले केवल पांच हजार
सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया में भी कैश की कमी दिखी. कतार में खड़े करीब 75 वर्षीय मो यासीन का कहना था कि वे बिमार हैं और उन्हें इलाज के लिए पटना जाना है, लेकिन घंटों कतार में खड़ा रहने के बाद उन्हें मात्र 5 हजार रूपये ही मिले, जबकि वे खाताधारी हैं. इधर, आइडीआईबी बैंक में भी कैश की कमी दिखी. वहां भी केवल खाताधारियों को ही सुविधाएं दी गयी. खाताधारियों को भी सीमित रूपये ही दिये गये.
सरकारी आदेश का नहीं हो रहा पालन शहर में सरकार के नये आदेश का पालन नहीं किया जा रहा है. प्रधानमंत्री के निर्देश के बावजूद कोई भी दवा दुकानदार, जांच घर या चिकित्सक 500 व 1 हजार का नोट लेने को तैयार नहीं है, जिसके चलते आम लोगों की परेशानी बरकरार है.
दवा दुकानदार, जांच घर संचालक व चिकित्सक खुदरा नहीं होने का हवाला देकर ग्राहकों को वापस कर दे रहे हैं.
महिला, िवकलांग व वरिष्ठ नागरिकों के लिए अलग व्यवस्था
ऐसे होगी कार्रवाई
बैंक सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, लोगों से पहचान-पत्र इसलिए लिया जा रहा है कि यह रिकॉर्ड में आ जाए कि किसने, कितनी बार और कितने की नोट बदले हैं. 24 नवंबर के बाद सभी बैंकों के डाटा की एक साथ जांच की जाएगी. इसमें नोट बदलवाने वाले का पूरा रिकॉर्ड होगा. फिर ऐसे लोगों से पूछताछ व कार्रवाई हो सकती है.
बैंक ऑफ बड़ौदा में बंद थी एक्सचेंज सुविधा
बैंक ऑफ बड़ौदा में कैश की कमी के कारण सुबह से ही एक्सचेंज की सुविधा बंद कर दी गयी थी, इसलिए वहां मंगलवार को कतार लगा ही नहीं. बैंक का काम-काज आम दिनों की तरह चला. केवल खाताधारियों को ही जमा, निकासी व नोट एक्सचेंज की सुविधा दी गयी. मुख्य प्रबंधक गुंजेश कुमार ने बताया कि कैश नहीं आने के कारण ऐसा किया गया है. मंगलवार को देर-सवेर कैश आने की पूरी संभावना है. बुधवार से अन्य ग्राहकों को भी नियमानुसार सुविधाएं दी जाएंगी. इधर, आइडीबीआई बैंक में कैश की कमी दिखी. यहां केवल खाताधारियों को ही लेन-देन व नोट बदली की सुविधा दी गयी. प्रबंधक द्वारा ग्राहकों को असुविधा न हो, इसके लिए दूसरे बैंकों से कैश मंगाने की असफल कोशिश की गयी.
अभी अंधेरा लेकिन भविष्य में मिलेगी रौशनी
शहर के मशहूर शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ केएन गुप्ता प्रधानमंत्री के नोट बंदी के निर्णय का स्वागत करते हुए कहा कि आम जनता की वर्तमान परेशानी अंधेरा के सामान है, लेकिन आने वाले भविष्य में इस निर्णय का व्यापस असर दिखेगा और आम लोगों के बीच एक नयी रौशनी आयेगी.
एक बार से अधिक नोट बदलनेवालों पर कार्रवाई
शहर स्थित एसबीआई शाखा के मुख्य द्वारा पर एक नोटिस चिपका कर एक से अधिक बार नोट बदलने वालों को आगाह किया गया है कि 24 नवंबर के बाद कालाधन खपाने की नीयत से एक से अधिक बार नोट एक्सचेंज कराने वालों पर कानूनी कार्रवाई होगी. एक से अधिक बार नोट बदलने वालों को जेल की हवा भी खानी पड़ सकती है. ऐसे लोगों पर जांच एजेंसियों की पैनी नजर है.
बताया गया है कि कई जगहों पर कालाधन खपाने के लिए लोग अलग-अलग आईडी लगाकर अलग-अलग बैंकों से नोट बदलवा रहे हैं. कई लोग आईडी रखने वाले दिहाड़ी देकर उनसे बार-बार नोट बदलवा रहे हैं. बैंकों व केंद्रीय एजेंसियों को भी इसकी जानकारी है. मंगलवार को इसका प्रमाण देखने को मिला, जब बैंकों द्वारा एक्सचेंज करने से मना कर देने के बाद बैंकों में लगी कतार खाली हो गया.

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