सीतामढ़ी/बैरगनिया : िजस के चक्कर में लालबाबू शाह की हत्या हुई, उसके बारे में बताया जाता है िक जब मामला खुला था, तब से वह कोिचंग में पढ़ने भी नहीं आ रही थी, लेिकन उसका िशक्षक से चोरी-िछपे िमलना-जुलना जारी थी. यह बात उसके परिजनों को रास नहीं आ रही थी.
बताया जा रहा है िक यही लालबाबू की हत्या की वजह बनी. वहीं, लालबाबू की हत्या की खबर जैसे लोगों को िमली, उनका गुस्सा सामने आने लगा.
गुस्साये ग्रामीणों ने अस्पताल रोड व पटेल चौक को जाम कर िदया और नारेबाजी करने लगे. इन लोगों ने टायर जला कर सड़क पर डाल िदया और पीिड़त परिवार को न्याय िदलाने की बात कह रहे थे. सूचना िमलने मौके पर पहुंची पुिलस ने कार्रवाई का आश्वासन िदया, तो लोग माने और उन्होंने प्रदर्शन रोका.
हत्या के बाद शव को खेत में फेंका : लालबाबू की हत्या कर शव को खेत में फेंक िदया गया था. लालबाबू गांव स्थित रेलवे गुमटी के समीप कोचिंग का संचालन करता था. इसी दौरान कोचिंग में पढ़नेवाली छात्रा से लालबाबू को प्रेम हो गया. कुछ दिन बाद परिवार वाले को भनक मिलने के बाद कहासुनी के बाद छात्रा का कोचिंग आना बंद कर दिया गया. हालांकि इसके बाद भी दोनों चोरी-छिपे एक-दूसरे से जुड़े रहे.
लड़की के माता-पिता बाहर रहते है. वह अपने चाचाओं के संरक्षण में रह कर गांव में पढ़ रही थी. कहा जा रहा है कि महापर्व छठ में शामिल होने के लिए सभी घर पर आये थे. सोमवार को लालबाबू छठ घाट से लौट रहा था. माना जा रहा है िक इसी दौरान उसे अगवा कर िलया गया और हत्या के बाद शव को खेत में फेंक िदया गया.
जान मारने की मिली थी धमकी
घटना को लेकर लालबाबू के पिता फेकन साह के बयान पर प्राथमिकी दर्ज कर छात्रा के चाचा धीरेंद्र झा, जीतेंद्र झा व वीरेंद्र झा समेत नौ लोगों पर प्राथमिकी दर्ज की गयी है. श्री साह ने बताया कि प्रेम-प्रसंग का खुलासा होने के बाद छात्रा के परिवार वालों ने कहासुनी के बाद लालबाबू का जान मारने की धमकी दी थी. जिस पर अमल करते हुए सभी ने मिल कर उसके पुत्र की गला दबा कर हत्या कर दी.
थानाध्यक्ष राजीव कुमार तिवारी ने बताया कि जांच-पड़ताल के बाद हत्या के पीछे प्रेम-प्रसंग का मामला सामने आ रहा है. लालबाबू के पिता ने भी छात्रा के परिवार वालों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी है. छात्रा के तीनों चाचा को गिरफ्तारी कर लिया गया है.
शेष छह आरोपित की गिरफ्तारी के लिए पुलिस संभावित स्थानों पर छापेमारी कर रही है. हालांिक पकड़े गये लोगों से पुिलस लालबाबू की हत्या का जुर्म नहीं कबूल करवा पायी है. ऐसे में अन्य लोगों के िगरफ्त में आने के बाद ही मामले से पर्दा उठ पायेगा.