बाढ़ में टूटी सड़क की वर्षों बाद नहीं हुयी मरम्मत
मरीज को खाट पर लाद कर ले जाते हैं परिजन
सीतामढ़ी : गा प्रखंड मुख्यालय से पांच किमी दूरी पर स्थित सिरौली पंचायत के हनुमान नगर में वर्षों पूर्व आयी बाढ़ के दौरान गांव से दक्षिण करीब तीन सौ फुट में सड़क टूट कर नहर में तब्दील हो गयी. तब से यहां के लोग किसान के खेत से होकर ही आने-जाने लगे, पर अब तक उक्त सड़क की मरम्मत नहीं हो पायी है. ग्रामीण नवीन कुमार व मनोज कुमार समेत अन्य ने बताया कि सुखाड़ के दिनों में तो जैसे-तैसे आवागमन चालू रहता है,
पर हल्की बारिश होते ही दो पहिया वाहन का आना-जाना भी मुश्किल हो जाता है. छात्र-छात्राओं को कंधा पर साइकिल रख कर कीचड़ से गुजरना पड़ता है. इस दौरान कई लोग कीचड़ में गिरते-पड़ते घर पहुंचते है. हद तब होती जब इन बारिश के दिनों में किसी मरीज को खाट पर लाद कर पक्की सड़क तक ले जाते हैं. फिर, वहां से किसी वाहन पर अस्पताल ले जाया जाता है. हालांकि टूटी सड़क के आगे-पीछे पक्की सड़क का निर्माण हो चुका है.
किसान मिट्टी कटाई के लिए खोज रहे ग्राहक: किसान के खेतों में कई वर्षों से लगे रास्ते के कारण उनके घर में एक कनमा अनाज नहीं पहुंच रहा है. लेकिन उन्हें सरकार को मालगुजारी देनी पड़ती है. इससे आजीज आकर संबंधित किसान अब अपनी खेतों में लगे रास्ता वाले भाग का मिट्टी काट कर बेचने के लिए ग्राहक खोज रहे हैं. किसानों का कहना है कि इस रास्ता को बंद करना मुश्किल हो गया है.
लखनदेई नदी पर नहीं बना पुल:
हनुमान नगर के लोगों को लखनदेई नदी में बने डायवर्सन से होकर प्रखंड मुख्यालय जाने में सात किमी दूरी तय करनी पड़ती है. जबकि दूसरे रास्ते से चार किमी अधिक दूरी तय करनी पड़ती है. ग्रामीणों ने बताया कि बारिश के दिनों में गांव से उत्तर और पश्चिम जाने वाला रास्ता बंद हो जाता है. लखनदेई नदी में यदि पुल का निर्माण हो जाता है, तो बारिश के दिनों में गांव से दक्षिण रास्ता बंद हो जाने के बावजूद आवागमन चालू रह सकता है. लोगों ने बताया कि इस समस्या को लेकर स्थानीय जनप्रतिनिधियों से लेकर वरीय नेता तक शिकायत कर चुके हैं.