सीतामढ़ीः नानपुर प्रखंड के मध्य विद्यालय, मोहनी के प्रधान शिक्षक बूरी तरह फंस गये हैं. क्योंकि स्कूल में विभिन्न योजनाओं व भवन निर्माण की जांच में गड़बड़ी हीं गड़बड़ी मिली है. यह जांच नानुपर बीडीओ ने की है. साथ हीं डीएम व डीइओ को रिपोर्ट भेज कार्रवाई की अनुशंसा की है. हालांकि जिला छात्र समागम ने कहा है कि बीडीओ की रिपोर्ट को डीइओ द्वारा दबा दिया गया है. उस पर कोई कार्रवाई नहीं की गयी है. बता दें कि इसी से खफा होकर छात्र समागम ने मंगलवार को कारगिल चौक पर डीइओ का पुतला फूंका था. इस प्रकरण का एक दिलचस्प पहलू यह है कि प्रधान शिक्षक के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर सत्ताधारी दल के उक्त कार्यकर्ता करीब दो वर्षो से आंदोलन कर रहे हैं, पर उनकी सूनी नहीं जा रही है. प्रधान शिक्षक का नाम मो युसूफ सिद्दीकी है.
क्या है पूरा मामला
गत माह स्कूल प्रबंधन के खिलाफ मोहनी गांव के लोगों ने महुआ गाछी के समीप सड़क जाम कर दिया था. सूचना मिलने पर बीडीओ देवानंद मौके पर पहुंच लोगों की शिकायतें सुनी थी. शिकायतों की जांच के दौरान बीडीओ अवाक रह गये थे. क्योंकि जांच में सब कुछ गड़बड़ हीं मिला. बीडीओ ने डीएम को सात बिंदुओं की बाबत रिपोर्ट भेजी है. डीएम व डीइओ को बताया गया है कि स्कूल भवन के निर्माण के लिए रखा ईंट निमA कोटि का है. इसी निमA कोटि के ईंट से काफी निर्माण कार्य कराया भी गया है. बालू व सिमेंट का अनुपात मानक मापदंडों के अनुसार नहीं पाया गया.
छत में आयी दरार
बीडीओ की रिपोर्ट के अनुसार पूर्व निर्मित विद्यालय भवन के निरीक्षण में पाया गया कि भवन की छत में दरार पड़ गया है जो किसी भावी दुर्घटना का संकेत है. किचेन शेड व विद्यालय परिसर में सफाई का अभाव था. बच्चों से पूछताछ में बीडीओ को जानकारी मिली कि एक तो एमडीएम का नियमित संचालन नहीं होता है और दूसरे कि मेनू के अनुसार एमडीएम नहीं दिया जाता है.
प्रधान शिक्षक हैं अप्रशिक्षित
ग्रामीणों व छात्र समागम का आरोप है कि प्रधान शिक्षक अप्रशिक्षित है. सरकार का कहना है कि अप्रशिक्षित को प्रधान शिक्षक नहीं बनाना है. इस तरह से कई प्रधान शिक्षकों को पद छोड़ देना पड़ा है, लेकिन मो सिद्दीकी अब तक अपने पद पर बने हुए हैं.
छात्र समागम की बातों पर यकीन करें तो उक्त शिक्षक को डीइओ का बरदहस्त प्राप्त है. बीडीओ की पूछताछ में प्रधान ने बताया कि वे प्रशिक्षित हैं. वैसे बीडीओ ने प्रधान से प्रशिक्षित होने का प्रमाण पत्र तलब किया है.
बीडीओ ने की अनुशंसा
बीडीओ ने निर्माणाधीन विद्यालय भवन में प्रयुक्त ईंट, बालू व सिमेंट की गुणवत्ता की जांच सक्षम सहायक व कार्यपालक अभियंता से कराने की अनुशंसा की है. विद्यालय में बरती गयी अनियमितता को लेकर भी कार्रवाई की अनुशंसा की गयी है. बता दें कि जांच के दौरान ग्रामीणों ने बीडीओ को बताया था कि डीएम व डीइओ से शिकायत करने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हो सकी है.
क्या कहते हैं अधिकारी
कार्रवाई की बाबत जानकारी के लिए कॉल करने पर डीइओ कुमार सहजानंद से संपर्क नहीं हो सका. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि डीइओ राज्य से बाहर गये हुए हैं. तब डीपीओ स्थापना रमेश चंद्रा से संपर्क करने पर उनके द्वारा बताया गया कि इस मामले की उन्हें कोई जानकारी नहीं है.