रीगा : दरभंगा-रक्सौल रेलखंड पर बभगनगामा गांव के समीप रविवार की दोपहर ट्रेन से कट कर एक वृद्ध के परखच्चे उड़ गये. मृतक की पहचान गांव के हीं गोपाल शरण मिश्र(73 वर्ष) के रुप में की गयी है. वह लंबे समय तक किसान आंदोलन से जुड़े थे. इलाके के प्रख्यात स्वतंत्रता सेनानी स्व सीता कांत मिश्र के पुत्र गोपाल शरण मिश्र की मृत्यु पर गांव में मातम पसर गया है. बताया जाता है कि स्व मिश्र गांव से पैदल चल कर रेल ट्रैक के रास्ते रीगा आ रहे थे.
इसी बीच रक्सौल से दरभंगा जा रही 55510 डाउन सवारी ट्रेन की चपेट में आ गये. उनके शरीर का बोटी बोटी बिखर गया. स्व मिश्र कान से कम सुनते थे, जिससे ट्रेन की सीटी को वह सुन नहीं पाये और हादसा हो गया. परिजन ने ग्रामीणों के साथ मिल कर शव का टुकड़ा एकत्र कर उसे बर्फ में रखा है. मृतक का पुत्र दिल्ली में कार्यरत है, उनके आने के बाद हीं शव का अंतिम संस्कार किया जायेगा.
मुखिया पद के 10 अभ्यर्थियों ने वापस लिया नामांकन: रीगा . पंचायत चुनाव के नामांकन वापसी के दिन विभिन्न पंचायतों से कई अभ्यर्थियों ने अपना नाम वापस ले लिया. प्रखंड निर्वाची पदाधिकारी सह बीडीओ अशोक कुमार ने शनिवार को बताया कि मुखिया पद से रेवासी पंचायत से उदय कुमार, गोपाल मंडल, सिरौली प्रथम से बैद्यनाथ सिंह, सिराही से सेमून खातून, अनहारी से शमीम अंसारी, भगवानपुर से मनोज कुमार सिंह, पकड़ी मठवा से राजीव कुमार, शबनम देवी, गणेशपुर बभनगामा से कृष्णा देवी, भवदेपुर से गीता देवी, सरपंच पद के लिए पोसुआ पटनिया से रवींद्र प्रसाद कुशवाहा, पंच पद के लिए दो, वार्ड सदस्य के लिए सात अभ्यर्थियों ने अपना नाम वापस ले लिया. इसी के साथ नाम वापसी की प्रक्रिया समाप्त हो गयी.
राजनीति में छात्रों की हो दखलंदाजी : रितेश़ सीतामढ़ी . ग्राम स्वराज परिषद् के तत्वावधान में रविवार को स्थानीय लोहिया आश्रम में ‘छात्र और राजनीति’ विषयक परिचर्चा का आयोजन किया गया. इसकी अध्यक्षता सर्वोदयी नेता विंदेश्वरी प्रसाद सिंह ने की. मुख्य वक्ता समाजवादी विचार मंच के अध्यक्ष रितेश कुमार गुड्डु ने डॉ राम मनोहर लोहिया का जिक्र करते हुए कहा कि राजनीति में छात्रों को खुल कर भाग लेना चाहिए. छात्रों के राजनीति में रहने से हीं समाज बच सकता है. आज के परिपे्रक्ष्य में छात्र नेताओं द्वारा नकारात्मक सोच के तहत राष्ट्रीय पटल पर छाने के लिए गलत नारों के माध्यम से चर्चित बनने की कोशिश को देश के लिए घातक बताते हुए कहा कि वामपंथी विचारधारा को दुनिया ने नकार दिया है. यह विचारधारा अपने अंत के करीब है. उन्होंने छात्रों से आह्वान किया कि सकारात्मक सोच के साथ आज की परिस्थिति में छात्रों को राजनीति में सीधी दखल देनी चाहिए.
शिक्षित होकर विचारधारा से हों लैस: अध्यक्षीय संबोधन में श्री सिंह ने कहा कि आज की छात्र राजनीति व्यक्ति पूजा की राजनीति होती जा रही है, जो देश के लोकतंत्र के लिए घातक है. छात्रों को शिक्षित होकर विचारधारा से लैस होना पड़ेगा, तभी यह देश सुरक्षित रह सकता है. सुधीर कुमार द्विवेदी ने छात्रों से बिना किसी राष्ट्र विरोधी तत्वों के बहकावे में आये राष्ट्र निर्माण की राजनीति करने की अपील की. परिचर्चा में भारत भूषण, रमेश पासवान, महेश कुमार, विकास कुमार, चुनचुन, नवीन कुमार सिंह, वीरेंद्र यादव, मोहर लाल राय, डॉ रामाशंकर, मो हबीब राइन, संजीव समेत अन्य ने भाग लिया.