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मीटर रिडिंग से उपभोक्ता परेशान

मीटर रिडिंग से उपभोक्ता परेशान कार्यालय का चक्कर लगाते-लगाते थक जाते हैं उपभोक्ता मीटर रीडिंग करने वाले करते हैं मनमानी शिकायत के बावजूद नहीं होती है समस्या का समाधान सीतामढ़ी. जिले में पूर्व की अपेक्षा विद्युत आपूर्ति की व्यवस्था ठीक हुई है. नये ट्रांसफॉर्मर भी लगे हैं. पुराने जर्जर तार-पोल को भी बदला गया है, […]

मीटर रिडिंग से उपभोक्ता परेशान कार्यालय का चक्कर लगाते-लगाते थक जाते हैं उपभोक्ता मीटर रीडिंग करने वाले करते हैं मनमानी शिकायत के बावजूद नहीं होती है समस्या का समाधान सीतामढ़ी. जिले में पूर्व की अपेक्षा विद्युत आपूर्ति की व्यवस्था ठीक हुई है. नये ट्रांसफॉर्मर भी लगे हैं. पुराने जर्जर तार-पोल को भी बदला गया है, पर विभाग के कार्यालय व क्षेत्रीय कर्मियों के क्रियाकलाप में कोई परिवर्तन नहीं हुआ है. इसके चलते उपभोक्ताओं की परेशानी हमेशा बनी रहती है. किसी प्रकार की शिकायत पर तत्काल समस्या का समाधान नहीं होता है. कार्यालय का चक्कर लगाकर उपभोक्ता परेशान हैं. बता दें कि मीटर रीडिंग के नाम पर प्रतिमाह विभाग का लाखों रुपये खर्च होता है. नहीं होती है मीटर रीडिंग समाहरणालय के बरामदे पर विद्युत बिल की राशि जमा करने के लिए प्रत्येक माह 20 से 30 व 31 तक विद्युत विभाग के एक कर्मी बैठते हैं. बिल की राशि जमा करने के लिए लंबी कतार भी लगती है, पर एक भी उपभोक्ता बिल से संतुष्ट नहीं होते हैं. उनका कहना है कि प्रति माह नियमित रूप से मीटर की रीडिंग नहीं होती है. मीटर रीडर मनमानी करते हैं और अपने मन से ही बिल बना कर भेज देते हैं. दुख तो तब होती है कि वे खुद मीटर रीडिंग करने नहीं आते और बिल पर लिखा रहता है प्रिमिसेसे लॉक. शनिवार को बिल राशि जमा कर रहे नगर पंचायत, डुमरा के वार्ड नंबर तीन निवासी निखिल कुमार, कृष्णापुरी वार्ड नंबर चार निवासी राज कुमार, सिमरा माइ स्थान के समीप का निवासी राजेंद्र प्रसाद सिंह, अधिवक्ता सुरेश चंद्र पूर्वे व नपं डुमरा के वार्ड नंबर 11 निवासी चक्रधर झा ने बताया कि वे लोग प्रतिमाह नियमित रूप से बिल की राशि जमा करते हैं पर प्रतिमाह मीटर रीडिंग नहीं होता है. कृष्णापुरी निवासी राम कुमार ने बताया कि गत माह 2913 रुपये का बिल जमा किया था, इस माह 757 रुपये का बिल भेज दिया गया है. दुख की बात तो यह है कि वे सपरिवार नियमित यहीं है, पर उनके बिल पर ‘प्रिमिसेस लॉक’ लिखा हुआ है. उक्त उपभोक्ताओं का कंजूमर नंबर क्रमश: 1887, 335,2428, 490 व 4436 है. मीटर रीडिंग का ज्ञान नहीं नाम न छापने के शर्त पर विभाग से जुड़े एक कर्मी ने बताया कि मीटर रीडिंग करने वाले लोगों को मीटर रीडिंग का सही ज्ञान नहीं है. यही कारण है कि मीटर रीडिंग प्रत्येक माह नहीं होता है. एक सवाल पर बताया कि मीटर रीडिंग फ्रेंचाइजी के माध्यम से होता है. किसी योग्य व्यक्ति के नाम पर फ्रेंचाइजी तो मिल जाता है, पर उसके टीम में काम करने वाले लड़के ट्रेंड नहीं होते हैं. यही कारण है कि बिल में भी लोगों को गड़बड़ी की शिकायत मिलती रहती है. एसडीओ का निर्देश बेअसर इधर, नपं के कैलाशपुरी निवासी विद्याभूषण झा ने बताया कि उन्हें एक वर्ष से अधिक से त्रुटिपूर्ण बिल आ रहा है. किसी प्रकार की कार्रवाई न हो जाए इस डर से बिल जमा करते हैं. सुधार के लिए एसडीओ साहब को कई बार आवेदन दिए, आश्वासन भी मिला, पर अब तक समस्या का समाधान नहीं हुआ. कैलाशपुरी चौक स्थित राजा मेडिकल हॉल नामक उनके दुकान पर मीटर लगाने के लिए सहायक अभियंता द्वारा कनीय अभियंता, डुमरा को करीब दो माह पूर्व निर्देशित किया गया, पर अब तक मीटर नहीं लग पाया है. क्या कहते हैं अधिकारी इस बाबत विद्युत विभाग के कार्यपालक अभियंता आशुतोष कुमार ने बताया कि प्रतिमाह मीटर रीडिंग के आधार पर बिल बनना है. अगर ऐसा नहीं होता है तो गलत है. उन्हें इस संबंध में लिखित रूप से कोई शिकायत नहीं मिली है. शिकायत मिलने पर कड़ी कार्रवाई की जायेगी.

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