27.4 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

लक्ष्मणा तेरा दर्द न जाने कोय

लक्ष्मणा तेरा दर्द न जाने कोय फोटो नंबर- 19 जलकुंभी से भरी लक्ष्मणा नदी सीतामढ़ी. लखनदेई नदी का दर्द समझने के लिए लोगों ने पूरी कोशिश की. लोगों को उसका दर्द महसूस भी हुआ, पर उस दर्द पर कोई मरहम नहीं लगा सका. चाहे वह प्रशासन हो अथवा नेता व स्वयंसेवी संगठनों के लोग. लखनदेई […]

लक्ष्मणा तेरा दर्द न जाने कोय फोटो नंबर- 19 जलकुंभी से भरी लक्ष्मणा नदी सीतामढ़ी. लखनदेई नदी का दर्द समझने के लिए लोगों ने पूरी कोशिश की. लोगों को उसका दर्द महसूस भी हुआ, पर उस दर्द पर कोई मरहम नहीं लगा सका. चाहे वह प्रशासन हो अथवा नेता व स्वयंसेवी संगठनों के लोग. लखनदेई यानी लक्ष्मणा नदी कल की तरह आज भी अपनी बेबसी व दुर्दशा पर रो रही है. कम कोशिश नहीं की गयी कि इस नदी की साफ-सफाई करायी जाये और इसका अस्तित्व बचायी जाये. जिला प्रशासन के अब तक न जाने कितने अधिकारी पवित्र लक्ष्मणा नदी का जायजा ले चुके हैं. नदी की सफाई के लिए अब तक कई बार धरना-प्रदर्शन एवं जिला से लेकर सरकार तक पत्राचार किया गया, पर अब तक कोई ठोस नतीजा नहीं निकल सका है. फिर रो पड़ी लक्ष्मणा नदी!कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर नदियों में स्नान करने का चलन है. बहुत से लोगों को मालूम नहीं था कि वे कल तक मोक्ष की प्राप्ति के लिए जिस लक्ष्मणा नदी में स्नान करते थे, उस नदी की दुर्दशा पर अब रोना आयेगा. बुधवार की सुबह रीगा प्रखंड के मेहदीनगर-भवदेपुर के समीप लक्ष्मणा नदी में स्नान करने के लिए कुछ लोग पहुंचे. इन लोगों को देख एक तरह से लक्ष्मणा नदी खुद रो पड़ी. काश! आज उसकी यह दुर्दशा नहीं होती तो लोग उसकी गोद में डुबकी लगाते. नदी में चारों ओर जलकुंभी हीं जलकुंभी देख श्रद्धालु बैरंग घर लौट आये. हद तो यह कि भले ही लक्ष्मणा की यह दुर्दशा हो गयी हो, पर एक महिला की इस नदी के प्रति आस्था देखते बनी. वह नदी में स्नान तो नहीं कर सकी, पर घर से स्नान कर नदी के किनारे पहुंची और धूप-बत्ती व अन्य सामग्री से नदी की पूजा जरूर की. रीगा. प्रखंड अंतर्गत बागमती नदी की पुरानी धार के जमुनिया घाट पर हजारों महिला व पुरुषों ने स्नान किया. यह घाट नजरपुर व मोहिनी मंडल गांव के बीच है. यह नदी आधा किलोमीटर तक उत्तर की ओर बहती है. इसी कारण यहां पर स्नान करने का चलन है. मौके पर मेला भी लगा था. आयोजन समिति के अध्यक्ष विनोद राय, मिट्ठू राजा, राम दरेश यादव, सुरेश यादव, कोदई राय व खेनहारी यादव ने बताया कि मेले में शांति व्यवस्था बनाये रखने के लिए स्थानीय लोगों को लगाया गया है. गुरुवार को मेला का समापन होगा.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें