27.4 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

जनता दरबार के 3677 आवेदन कूड़े में

लापरवाही : डीएम की चेतावनी का अधिकारियों पर खासा असर नहीं डुमरा : लोगों की समस्याओं व शिकायतों के तुरंत निदान के लिए सरकार के स्तर से डीएम का जनता दरबार शुरू किया गया, लेकिन इससे लोगों को कोई विशेष लाभ नहीं मिल पा रहा है. डीएम के गंभीर रहने व बार-बार की चेतावनी के […]

लापरवाही : डीएम की चेतावनी का अधिकारियों पर खासा असर नहीं
डुमरा : लोगों की समस्याओं व शिकायतों के तुरंत निदान के लिए सरकार के स्तर से डीएम का जनता दरबार शुरू किया गया, लेकिन इससे लोगों को कोई विशेष लाभ नहीं मिल पा रहा है. डीएम के गंभीर रहने व बार-बार की चेतावनी के बावजूद संबंधित अधिकारी डीएम व सीएम के जनता दरबार में प्राप्त आवेदनों के निष्पादन के प्रति गंभीर नहीं है. अधिकारियों की इस कार्यशैली पर डीएम डा प्रतिमा ने कड़ी नाराजगी जतायी है.
जनता दरबार के आवेदनों के निष्पादन का बुरा हाल है. जांच को 3677 आवेदन लंबित है. यह जान कर ताज्जुब होगा कि विभिन्न अधिकारियों के स्तर पर वर्ष 2012 के 1086 आवेदन जांच के लिए लंबित है. यही कारण है कि लोगों को हर तारीख पर जनता दरबार में आना पड़ता है और निराश होकर लौट जाना पड़ता है. जिला जन शिकायत कोषांग से लोगों को यह जानकारी दी जाती है कि उनके आवेदन के आलोक में अब तक जांच नहीं की जा सकी है. वर्ष 2013 का 1175 आवेदन लंबित है. वर्ष 2014 का 1196 तो वर्ष 2015 को 220 आवेदन जांच को लंबित है. यह आंकड़ा सिर्फ डीएम के जनता दरबार का है. मुख्यमंत्री के जनता दरबार का 625 आवेदन लंबित है.
डीसीएलआर सदर टॉप पर
आवेदनों के आलोक में जांच न कर लंबित रखने वाले अधिकारियों में डीसीएलआर सदर टॉप पर हैं. उनके यहां डीएम व सीएम के जनता दरबार का सबसे अधिक 382 आवेदन लंबित है. दूसरे नंबर पर विद्युत कार्यपालक अभियंता हैं. उनके यहां 276 आवेदन लंबित है. 275 आवेदन लंबित रख डीइओ तीसरे स्थान पर है.
डीएसओ के यहां 201 आवेदन
डीएसओ के स्तर पर जांच को 201 आवेदन लंबित है. इसी तरह एलडीएम के यहां 133, जिला कल्याण पदाधिकारी के यहां 88 व जिला पंचायत राज पदाधिकारी के यहां 86 आवेदन लंबित है. यह स्थिति तब है जब करीब हर जनता दरबार में अधिकारियों को आवेदन लंबित रखने पर कार्रवाई की चेतावनी दी जाती रही है.
अर्थदंड से नहीं लिया सबक
आवेदनों के निष्पादन के प्रति गंभीर नहीं रहने पर डीएम डा प्रतिमा ने दर्जन भर अधिकारियों से जवाब-तलब किया और कई पर आर्थिक दंड भी लगाया. कार्रवाई से प्रभावित होने वालों में क्रमश: डुमरा, सुरसंड, सोनबरसा व सुप्पी सीओ, बैरगनिया व बेलसंड सीडीपीओ, डीसीओ, जिला योजना पदाधिकारी, जिला कल्याण पदाधिकारी,नलकूप व बागमती के कार्यपालक अभियंता व विशेष भू-अजर्न अधिकारी शामिल हैं. डीएम ने संबंधित अधिकारियों को 31 मार्च तक लंबित आवेदनों की जांच पूरी कर रिपोर्ट मांगी है.
बीडीओ-सीओ भी सक्रिय नहीं
जिला जन शिकायत कोषांग से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार, कई बीडीओ व सीओ भी आवेदनों की जांच के प्रति विशेष सक्रिय नहीं है. डुमरा सीओ के स्तर पर डीएम व सीएम के जनता दरबार का 67 आवेदन लंबित है. इसी तरह रून्नीसैदपुर सीओ के यहां 63, बथनाहा सीओ के यहां 51, मेजरगंज सीओ के यहां 18, चोरौत सीओ के यहां 11, रीगा सीओ के यहां 20, रून्नीसैदपुर बीडीओ के यहां 47, सुरसंड बीडीओ के यहां 27, परिहार बीडीओ के यहां 10, सुप्पी बीडीओ के यहां 13 व बाजपट्टी बीडीओ के स्तर पर नौ आवेदन लंबित है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें