— 64 फीसदी मौत कारण निष्क्रिय जीवनशैली– पत्रकारों को भी फिजियोथेरेपी की आवश्यकतासीतामढ़ी : इंडियन एसोसिएशन ऑफ फिजियोथेरेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ उमाशंकर मोहंती ने रविवार को कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़ों के अनुसार, 64 प्रतिशत मौत का कारण निष्क्रिय जीवनशैली है. एक कुशल फिजियोथेरेपिस्ट जीवनशैली में अनावश्यक बदलाव लाकर डायबिटिज, ब्लडप्रेशर, कैंसर जैसी जानलेवा बीमारियों से बचा जा सकता है. डुमरा रोड स्थित एक होटल के सभागार में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में डॉ मोहंती ने फिजियोथरेपी को आम आदमी की जरूरत बताते हुए कहा कि फिजियोथरेपी सिर्फ उच्च वर्गों के लोगों के लिए सीमित नहीं है, वरन खेतों में काम करनेवाले उन किसानों के लिए भी जरूरी है. खेतों में काम करने के दौरान वह गलत तरीके से झुकने की वजह से कमर दर्द, गरदन दर्द की समस्याओं से पीडि़त है. वहीं पत्रकारों तथा कंप्यूटर पर कार्य करनेवाले लोगों को भी फिजियोथेरेपी की आवश्यकता है. उन्होंने सीतामढ़ी शाखा के संयोजक फिजियो चिकित्सक डॉ राजेश कुमार सुमन को संघ की सहायता से गांवों, प्रखंडों में फिजियोथेरेपी के प्रति जागरूकता के लिए आवश्यक कदम उठाने का निर्देश दिया. मौके पर डॉ नरेंद्र कुमार सिन्हा, डॉ प्रभात रंजन, डॉ आलोक कुमार सिंह समेत दर्जनों चिकित्सक उपस्थित थे.
कृषक को भी फिजियोथेरेपी की जरूरत : डॉ मोहंती
— 64 फीसदी मौत कारण निष्क्रिय जीवनशैली– पत्रकारों को भी फिजियोथेरेपी की आवश्यकतासीतामढ़ी : इंडियन एसोसिएशन ऑफ फिजियोथेरेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ उमाशंकर मोहंती ने रविवार को कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़ों के अनुसार, 64 प्रतिशत मौत का कारण निष्क्रिय जीवनशैली है. एक कुशल फिजियोथेरेपिस्ट जीवनशैली में अनावश्यक बदलाव लाकर डायबिटिज, ब्लडप्रेशर, कैंसर […]
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