सीतामढ़ीः आम लोगों की समस्याओं को समय पर निबटाने के लिए सरकार समय-समय पर संसाधनों में बढ़ोतरी कर रही है, ताकि सरकारी कार्यालय से अपने कार्य को समय से पूरा करें. लोगों का काम समय से हो. कार्यालय से लौटते वक्त उन्हें गुड गर्वनेस का एहसास हो. सरकार सुशासन का दावा भी करती है, लेकिन ऐसा नहीं है. वास्तविकता कुछ और है.
आज भी सरकारी कार्यालय में लोग तनाव के साथ आते हैं. काम नहीं होने पर तनाव के साथ लौटते हैं. सरकारी कार्यालय के कार्यप्रणाली को जानने के लिए बुधवार को हम मुख्यालय स्थित प्रखंड विकास कार्यालय पहुंचे. कार्यालय खुलने के निर्धारित समय से 15 मिनट अधिक बीत जाने के बाद भी अधिकांश कर्मी गायब थे. साहब अपने कार्यालय में नहीं थे. परिसर स्थित आवास पर नजर गयी तो देखा कि एक चिकित्सक निकल रहे है. बताया गया कि बीडीओ साहब को तेज बुखार है. विभिन्न समस्याओं को लेकर आये लोगों से बातचीत करने पर एक बात यह सामने आयी कि किसी कार्य को पूरा कराने के लिए पूछने पर कर्मचारी ठीक से बात नहीं करते.
कार्यालय के चबूतरा पर गौरव उदास साथ बैठा था. पूछने पर बताया कि बीडीओ का इंतजार कर रहा है. बताया कि वह पिछले तीन वर्ष से आई कार्ड के लिए कार्यालय का चक्कर काट रहा है. एक बार उसका आई कार्ड बना था, लेकिन जन्मतिथि गलत होने के कारण शुद्धि पत्र जमा किया. आज तक कार्य नहीं हो सका है. आई कार्ड के अभाव में उसे कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. तलखापुर निवासी इबराना खातून ने बताया, उसकी 11 साल की बेटी विकलांग है. पेंशन के लिए आवेदन जमा कर चुकी है. एक सप्ताह से पावती रसीद पाने के लिए चक्कर काट रही है. बरहरबा निवासी भनटुन पूर्वे ने बताया कि सभी तरह की कागजी खानापूर्ति करने के बाद भी उसे राशन या केरोसिन कूपन का लाभ नही मिल रहा है.
कैसे दें आवेदन?
आरटीपीएस काउंटर पर महिला व पुरूष की लंबी कतार काउंटर पर लगी थी. समय सीमा पार करने के आधा घंटा बाद काउंटर की खिड़की खुलती है. कतार में खड़े बुजुर्ग कमालउद्दीन ने बताया, जाति प्रमाण-पत्र का आवेदन जमा करने के लिए वह पांच दिन से आ रहा है. पहला दिन कहा गया कि फार्म पर आवेदन दें. फार्म जमा करने वक्त कहा गया, सादा कागज पर आवेदन दें. अब फोटो पहचान पत्र के साथ आवेदन जमा करने को कहा जा रहा है. तबीयत खराब रहने के बाद भी वह मजबूरी में तेज धूप में 8 किलोमीटर दूर भासर गांव से आ रहा है. काम नहीं हो रहा है.
प्रखंड विकास कार्यालय के ज्यादतर कमरों में बैठे कर्मियों में जवाबदेही का घोर अभाव दिख रहा था. 20 मिनट विलंब से कार्यालय आने के बाद भी मटरगश्ती करते हुए यत्र-तत्र खैनी खाते हुए दिखे. कई कार्यालय कक्ष का कमरा बंद था. कोई कार्यालय खुला भी था तो कुर्सी पर कर्मी नहीं बैठे थे. शिकायत पेटिका का उपयोग पानी का जग व गिलास रखने में किया जा रहा था.