सुरसंड,सीतामढ़ीः भारत-नेपाल सीमा से सटे परिहार थाना के बारा-सहसराम गांव के समीप से एसएसबी ने 10 किलोग्राम चरस जब्त की है. चरस का मूल्य दो करोड़ रुपये आंका गया है. एसएसबी ने धंधेबाज को भी दबोचा है.
तस्कर के पास से एक देसी पिस्टल व पांच जिंदा कारतूस भी मिला है. तस्कर की पहचान परिहार के बारा गांव के शिवजी साह के पुत्र मुकेश साह के रूप में की गयी है. चरस 5-5 सौ ग्राम के 20 पैकेट में है. तस्कर मुकेश को परिहार थाना पुलिस के हवाले कर दिया गया है.
एसएसबी के उप सेनानायक निरजचंद के नेतृत्व वाली विशेष टीम को यह कामयाबी मिली है. इधर, पूर्व में नारकोटिक्स विभाग में अपनी सेवा दे चुके एसएसबी के सीओ प्रताप सिंह यादव ने चरस को गुणवत्ता में विश्व स्तर का बताया है.
चरस को ले जाना था पटना
उप सेनानायक श्री चंद ने बताया कि गुप्त सूचना मिली थी कि मुकेश साह अंतरराष्ट्रीय एवं अंतरराज्यीय मादक पदार्थ तस्करों से ताल्लुक रखता है. सूचना थी कि वह नेपाल के काडमांडू से चरस लेकर भिट्ठा मोड़ से बस से पटना जाने वाला है.
इसको लेकर 20 वाहिनी के सेनानायक राजन, उप निरीक्षक फकीर चंद, आरक्षी पिंटू कुमार, देवेंद्र कुमार घनश्याम व चालक वसीम खान के साथ सहसराम गांव के समीप पिलर संख्या 306 व 307 के बीच नाका लगा दिया गया. इसी बीच तीन लोगों को साइकिल से आते देखा गया. तीनों को हिरासत में लेकर तलाशी ली गयी. इसमें से मुकेश साह के पास से काले रंग की बैग में चरस, पिस्टल व कारतूस मिली. दो अन्य मुकेश के पिता शिवजी साह व साला को पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया. शिवजी ने उप सेनानायक श्री चंद को बताया कि वह अपने पुत्र को दिल्ली रवाना करने के लिए छोड़ने आया था.
मुख्य कारोबारी दिल्ली में
उप सेनानायक श्री चंद ने बताया कि चरस के धंधेबाजों का एक रैकेट है. इसका मुख्य कर्ता-धर्ता दिल्ली में रहता है. इसका तार काडमांडू, वीरगंज, मुंबई, गोवा व पंजाब से जुड़ा है. रैकेट में शामिल धंधेबाजों तक पहुंचने के लिए दिल्ली पुलिस के सहयोग से कार्रवाई की जा रही है.
पंजाब व काठमांडू जेल से रिटर्न है मुकेश
तस्कर मुकेश पूर्व में भी नशीले पदार्थ की तस्करी के आरोप में पंजाब के अंबाला जेल में 22 माह रह चुका है. काठमांडू जेल में भी कुछ समय तक रहा था. पूछताछ में उसने बताया है कि काठमांडू के मच्छे गांव के किरण थापा व नेपाल के ही महोतरी जिला के बथनाहा गांव के संजीव झा व विवेक झा की मदद से तस्करी करता है.