वर्षों से बना है अवैध कमाई का जरिया
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रिहायशी इलाके में खड़ी है मौत
वर्षों से बना है अवैध कमाई का जरिया सीतामढ़ी : शहर में घनी आबादी के बीच मौत खड़ी है. जी हां! यह बात सौ फीसदी सच है. शहर के कतिपय इलाकों में धड्डल्ले से एलपीजी गैस रिफिलिंग का अवैध धंधा चल रहा है, लेकिन इसको लेकर प्रशासनिक महकमा पूरी तरह खामोश है. खुदा न खास्ता […]
सीतामढ़ी : शहर में घनी आबादी के बीच मौत खड़ी है. जी हां! यह बात सौ फीसदी सच है. शहर के कतिपय इलाकों में धड्डल्ले से एलपीजी गैस रिफिलिंग का अवैध धंधा चल रहा है, लेकिन इसको लेकर प्रशासनिक महकमा पूरी तरह खामोश है. खुदा न खास्ता अगर कोई हादसा हो जाये, तो जान-माल का सहज हीं अंदाजा लगाया जा सकता है.
भारतीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय की ओर से जारी निर्देशों के मुताबिक किसी भी रिहायसी इलाके में गैस रिफिलिंग पूरी तरह अवैध है. यहां तक कि घनी आबादी के बीच न तो डीजल-पेट्रोल व केरोसिन का भंडारण किया जा सकता है और नहीं घरेलू गैस का. इसको लेकर फुल प्रूफ व्यवस्था का इंतजाम जरूरी है. यह भी देखा जाता है कि जहां इसका भंडारण किया गया है, वहां कोई आबादी नही हो.
प्रभात खबर ने शनिवार को शहर के कई क्षेत्रों में धड्डल्ले से संचालित इन अवैध गैस रिफिलिंग दुकानों की पड़ताल की. प्रभात खबर की पड़ताल में कई चौकाने वाले मामले सामने आये. अधिकांशत: 14.2 किलोग्राम के एलपीजी रसोई गैस सिलिंडर से बेधड़क छोटे सिलिंडरों से लेकर बड़े सिलिंडरों में इसकी रिफिलिंग की जा रही थी. रिफिलिंग में नोजल का प्रयोग किया जाता है. कइयों ने तो अपने घरों तक में इसे कमाई का धंधा बना लिया है.
नगर के कोट बाजार, बसूश्री सिनेमा चौक, पासवान चौक, सिनेमा रोड, जानकी स्थान, रीगा रोड, गौशाला चौक, स्टेशन रोड, मेहसौल चौक, डुमरा रोड, राजोपट्टी इलाके में गैस रिफिलिंग के कई दुकान संचालित है. नाम नहीं छापने की शर्त पर एक धंधेबाज ने बताया कि एक किलोग्राम गैस भरने पर 90 से लेकर 120 रुपया तक वसूल किया जाता है.
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