सीतामढ़ी समेत राज्य भर के जेल अधीक्षकों को जारी
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कारा चिकित्सा सेवा निदेशक ने कहा, जेल अधीक्षक रखें बदियों के स्वास्थ्य पर नजर
सीतामढ़ी समेत राज्य भर के जेल अधीक्षकों को जारी किया गया पत्र सीतामढ़ी : बंदियों पर भी निपाह वायरस का खतरा बना हुआ है. राज्य सरकार के स्वास्थ्य महकमा द्वारा पिछले दिनों जारी निर्देश पत्र के बाद अब कारा एवं सुधार सेवाएं (कारा निरीक्षणालय), पटना (बिहार) भी इसको लेकर गंभीर हो गया है. खासकर राज्य […]
किया गया पत्र
सीतामढ़ी : बंदियों पर भी निपाह वायरस का खतरा बना हुआ है. राज्य सरकार के स्वास्थ्य महकमा द्वारा पिछले दिनों जारी निर्देश पत्र के बाद अब कारा एवं सुधार सेवाएं (कारा निरीक्षणालय), पटना (बिहार) भी इसको लेकर गंभीर हो गया है.
खासकर राज्य भर के विभिन्न जेलों में बंदियों की संख्या को लेकर इस बीमारी के प्रति गंभीरता दिखलायी जा रही है. सीतामढ़ी मंडल कारा में भी बंदियों के स्वास्थ्य पर नजर रखने का निर्देश दिया गया है. कारा चिकित्सा सेवा के निदेशक डॉ परमेश्वर पांडेय ने जेल अधीक्षक को पत्र भेजकर निपाह वायरस से बचाव के लिए समुचित कदम उठाने को कहा है. पत्र में डॉ पांडेय ने कहा है कि केरल में जानलेवा निपाह वायरस के प्रकोप को देखते हुए बिहार के कारा में संसीमित बंदियों को भी इससे सतर्क रहने की आवश्यकता है. निपाह वायरस से बचाव के लिए निदेशक प्रमुख (रोग नियंत्रक) स्वास्थ्य सेवाएं, पटना (बिहार) द्वारा जारी एडवायजरी को भी अधीक्षकों को भेजा गया है.
साथ ही कहा गया है कि अधीक्षक संबंधित कारा चिकित्सा पदाधिकारी के स्तर से व्यापक प्रचार प्रसार करना सुनिश्चित करेंगे. पत्र में कहा गया है कि केरल में निपाह वायरस ने दस्तक दे दी है. यह वायरस बहुत खतरनाक है, जिससे बचाव की हमें भी आवश्यकता है.
क्या हैं बचाव के उपाय
स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी एडवाइजरी में बचाव के उपाय बतलाये गये हैं. जिसमें कहा गया है कि चमगादड़ों वाले इलाकों में अत्यधिक सावधानी बरतें. इसमें सूअरों के संपर्क में रहने वाले लोगों से दूर रहने, गिरे हुए अथवा जानवरों के जूठे फल खाने से बचने की सलाह दी गयी है. इसके अलावा केरल से आनेवाले फलों को अच्छी तरह से धोकर खाने, केले, आम एवं खजूर को लेकर विशेष सतर्क रहने, प्रकोप कम होने तक ताड़ एवं खजूर के रस/ताड़ी/नीरा का सेवन न करने की बात कही गयी है. एडवायजरी में कहा गया है कि यदि सब्जियों पर जानवरों के काटे का निशान हो तो उन्हें खरीदने से बचे. जब तक निपाह का प्रकोप कम न हो जाये, तब तक अच्छी तरह से पका हुआ साफ सुथरा एवं घर का बना हुआ खाना खाएं. अत्यधिक भीड़-भाड़ वाली जगहों पर जाने से परहेज करने तथा व्यक्तिगत स्वच्छता का ध्यान रखने की बात भी कही गयी है.
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