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समाज या जाति नहीं, नये हिंदुस्तान के नेता थे पटेल: आरसीपी

ममता बनर्जी ने किया था पटेल जयंती का विरोध सीतामढ़ी : शहर स्थित एसआरके गोयनका कॉलेज परिसर में स्थानीय पटेल सेवा संघ के तत्वावधान में आयोजित सरदार बल्लभ भाई पटेल की 142 वीं जयंती पखवाड़ा समारोह को संबोधित करते हुए जदयू संसदीय दल के नेता व राज्यसभा सांसद रामचंद्र प्रसाद सिंह ने कहा कि सरदार […]

ममता बनर्जी ने किया था पटेल जयंती का विरोध

सीतामढ़ी : शहर स्थित एसआरके गोयनका कॉलेज परिसर में स्थानीय पटेल सेवा संघ के तत्वावधान में आयोजित सरदार बल्लभ भाई पटेल की 142 वीं जयंती पखवाड़ा समारोह को संबोधित करते हुए जदयू संसदीय दल के नेता व राज्यसभा सांसद रामचंद्र प्रसाद सिंह ने कहा कि सरदार पटेल किसी समाज या जाति के नहीं, बल्कि नए हिंदुस्तान के सर्वमान्य नेता थे.
उन्होंने पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी पर तंज कसते हुए कहा कि जब सरदार पटेल की जयंती के मौके पर रन फॉर यूनिटी का आयोजन किया जा रहा था, तब अकेले ममता बनर्जी ही थी जिन्होंने कार्यक्रम का विरोध किया. क्योंकि उन्हें इतिहास की जानकारी नहीं है. यदि उन्हें पता होता कि सरदार पटेल की वजह से ही आज पश्चिम बंगाल है और उस प्रदेश की वह सीएम हैं तो वह ऐसा नहीं करती. इसलिए अपने पुरखों के बारे में हर किसी को जानना चाहिए.
पटेल के कारण राजेंद्र बाबू बने राष्ट्रपति: उन्होंने कहा कि अंगरेजी शासक जाते-जाते चाहते थे कि असाम, बंगाल व पंजाब, पाकिस्तान का हिस्सा बन जाए, लेकिन सरदार पटेल ही थे, जिनके कारण तीनों प्रदेश आज हिंदुस्तान का हिस्सा है. कहा कि सरदार पटेल ही थे, जिनके कारण आजाद भारत के पहले राष्ट्रपति एक बिहारी को बनने का अवसर प्राप्त हुआ.
नेहरू दक्षिण भारत के नेता राजगोपालाचार्य को राष्ट्रपति बनाना चाहते थे. उन्होंने राजेंद्र बाबू से हामी भरवा लिया था, लेकिन सरदार पटेल ही थे, जिनके चलते ऐसा हो पाया. उन्होंने कहा कि सरदार पटेल आजाद भारत के पहले अध्यक्ष व प्रधानमंत्री बन सकते थे. उस समय के 15 प्रदेशों में से 12 प्रदेश अध्यक्षों ने सरदार पटेल को अपना समर्थन दिया था.
वहीं, तीन प्रदेशों के अध्यक्षों ने कृपलानी जी को अपना समर्थन दिया था. नेहरू जी को एक भी अध्यक्ष ने समर्थन नहीं किया था. यदि कृपलानी जी परची नहीं घुमाते तो सरदार पटेल ही देश के पहले प्रधानमंत्री होते और यदि सरदार पटेल देश के पहले प्रधानमंत्री होते तो देश को आज इतनी बड़ी कीमत नहीं चुकानी पड़ती.
पटेल देश के पहले किसान नेता: उन्होंने कहा कि सरदार पटेल देश के पहले किसान नेता थे. किसान आंदोलन के कारण ही उन्हें सरदार की उपाधि दी गई. इससे पूर्व आयोजक पटेल सेवा संघ की ओर से अतिथियों का फूल-मालाओं, अंगवस्त्र, प्रतीक चिह्न व मोमेंटो देकर स्वागत किया गया. कार्यक्रम की अध्यक्षता पटेल सेवा संघ की अध्यक्ष कंचन पटेल ने की. मंच संचालन डा प्रो राजकुमार पटेल ने किया.
कार्यक्रम को पूर्व सांसद नवल किशोर राय, बाजपट्टी विधायक व पूर्व मंत्री डॉ रंजु गीता, पीपी अरुण कुमार सिंह, नागेंद्र प्रसाद सिंह, राणा रणधीर सिंह चौहान, जिप उपाध्यक्ष देवेंद्र साह, राहुल कुमार सिंह, पप्पु पटेल, किरण गुप्ता, सुनील भारती, उमेश कुशवाहा व अरमान अली समेत अन्य ने भी संबोधित किया. कार्यक्रम में जिले के विभिन्न प्रखंडों से हजारों की संख्या में पटेल समुदाय के महिला व पुरुष के अलावा अन्य शामिल हुए. मौके पर पटेल सेवा संघ की ओर से पटेल छात्रावास की मांग की गयी.
पूर्व सांसद नवल किशोर राय ने एक माह का पेंशन देने तथा विधायक डॉ रंजु गीता ने विधायक कोष से हर संभव सहयोग करने का आश्वासन दिया. इसके अलावा राणा रणधीर सिंह चौहान ने विधायक सुनीता सिंह चौहान के कोष से पांच लाख रुपये सहयोग करने की घोषणा की. वहीं, सांसद आरसीपी सिंह ने भी पटेल छात्रावास के निर्माण में हर संभव सहयोग देने का आश्वासन दिया.

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