सीतामढ़ी : सदर अस्पताल में महीनों से सर्जन चिकित्सक का अभाव है. वहीं बगैर सर्जन के ही सर्जिकल वार्ड चल रहा है. हादसा व इमरजेंसी के दौरान घायलों के पहुंचने पर जेनरल चिकित्सकों को भारी परेशानी उठानी पड़ती है. हालत यह है कि प्राथमिक उपचार के बाद मरीजों को रेफर कर दिया जाता है. सदर अस्पताल स्थित शिशु वार्ड जहां दो साल से बंद है, वहीं सदर अस्पताल में महिनों से शिशु रोग विशेषज्ञ चिकित्सक का अभाव है.
इतना ही नहीं नवजात बच्चों के लिए स्थापित स्पेशल नियोनेटल केयर यूनिट (एसएनसीयू) भी बगैर शिशु रोग विशेषज्ञ चिकित्सक के चल रहा है. जाहिर है कि बीमारी की स्थिति में सीतामढ़ी सदर अस्पताल में बच्चों के इलाज की कोई व्यवस्था नहीं है. आपातकालीन स्थिति में सदर अस्पताल से बच्चों को रेफर करना मजबूरी बन गयी है. ऐसे में बच्चों को या तो निजी क्लिनिक में ले जाना पड़ता है या एसकेएमसीएच में. सदर अस्पताल में इलाज की व्यवस्था नहीं होने के चलते जहां बच्चों की जिंदगी खतरे में है, वहीं गरीब माता-पिता की परेशानी बढ़ गयी है.