सीतामढ़ी : चीनी तथा गन्ने के मूल्य में जब तक सामंजस्य नहीं होगा, चीनी मिल चलाना संभव नहीं होगा. अगर चीनी मिल को मिलने वाली सरकारी अनुदान समय पर नहीं मिल सकेगा तो किसानों के गन्ना मूल्य का भुगतान भी समय पर नहीं हो पाएगा.
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सामंजन के बगैर चीनी मिल संचालन संभव नहीं
सीतामढ़ी : चीनी तथा गन्ने के मूल्य में जब तक सामंजस्य नहीं होगा, चीनी मिल चलाना संभव नहीं होगा. अगर चीनी मिल को मिलने वाली सरकारी अनुदान समय पर नहीं मिल सकेगा तो किसानों के गन्ना मूल्य का भुगतान भी समय पर नहीं हो पाएगा. उक्त बातें मंगलवार को रीगा चीनी मिल के मुख्य प्रबंध […]
उक्त बातें मंगलवार को रीगा चीनी मिल के मुख्य प्रबंध निदेशक ओम प्रकाश धानुका ने चीनी मिल स्थित अपने कार्यालय में मिल मजदूर संघ तथा किसानों के प्रतिनिधियों के साथ आयोजित पत्रकार सम्मेलन में कहीं. उन्होंने बताया कि जिले का एकमात्र कृषि आधारित उद्योग रीगा चीनी मिल वर्ष 1950 से धानुका ग्रुप द्वारा चलाया जा रहा है. लेकिन 2012-2013 के सीजन के बाद से लगातार मिल घाटे में जा रहा हैं.
इसको लेकर 25 हजारों किसानों ने एक आवेदन प्रधानमंत्री तथा मुख्यमंत्री को पूर्व में दिया था. कहा कि अन्य राज्यों की तुलना में बिहार में प्राकृतिक आपदाओं के कारण चीनी की रिकवरी लगातार घट रही है. जिसके चलते बिहार की चीनी मिलों में बगहा तथा रीगा की रिकवरी सबसे कम रही. ऐसे में चीनी मिल को व्यापक पैमाने पर घाटा उठाना पड़ रहा है.
सरकार ने पहले अनुदान देने की बात कही थी, लेकिन इस पर कोई कार्यवाही नहीं हो पायी. कहा कि अगर यहीं स्थिति रही तो मिल चलाना संभव नहीं हो पायेगा. उन्होंने बताया कि इस चीनी मिल क्षेत्र में 50,000 किसान गन्ना आपूर्ति करता है. पिछले साल तकरीबन 700000 क्विंटल गन्ना नेपाल चला गया था. जिसके चलते मिल को कम गन्ना मिला था. समय पर भुगतान नहीं होने के कारण गन्ना किसानों ने अपनी गन्ना मिल को देने के बजाए नेपाल भेज दिया था. श्री धानुका ने बताया की मिल को घाटे से उबारने के लिए उन्होंने अपने स्तर से बैंक से तथा अन्य वित्तीय संस्थानों से पैसे का प्रबंध किया. साथ ही कोलकाता स्थित अपनी पैतृक जमीन व मकान भी बेच दिया. बताया की इस वर्ष मिल को 18 करोड़ का नुकसान हुआ है.
मिल की दूसरी इकाई डिस्टिलरी भी कतिपय कारणों से बंद हो गयी है. इसके चलते नुकसान लगातार बढ़ता जा रहा है. मौके पर मौजूद मिल यूनियन के अध्यक्ष ओम प्रकाश कुमार, किसान नेता राजनंदन गांधी, राम कैलाश सिंह व शंकर सिंह बाघेला ने सम्मिलित रूप से केंद्र सरकार तथा राज्य सरकार से आग्रह किया है कि वह समुचित कार्रवाई कर घाटे में चल रहे मिल पर उत्पन्न संकट के बादल हटाने में सहयोग करे. मौके पर चीनी मिल के मुख्य महाप्रबंधक सत्यवीर सिंह मल्लिक, ईंख प्रबंधक डॉ वीके द्विवेदी, किसान नेता शंभु शंकर भोला व पूर्व प्रमुख वीरेंद्र कुमार सिंह आदि मौजूद थे.
रीगा चीनी मिल के सीएमडी ओपी धानुका ने गिनायीं मजबूरियां
सरकार का सहयोग नहीं मिलने
पर जताया रोष
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