छपरा (कोर्ट) : छह वर्ष पूर्व 20 जुलाई 2011 को शहर के विंध्यवासिनी भवन में हुए तीहरे हत्याकांड में आइओ द्वारा जब्त किये गये सामग्रियों को कोर्ट में प्रस्तुत नहीं किये जाने को लेकर न्यायालय ने सारण एसपी को पत्र भेजा है. जिसमें हत्या के बाद घटनास्थल से आइओ द्वारा जब्त किये गये सामान को कोर्ट में अविलंब प्रदर्श कराने की बात कही गयी है.
अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश नवम ओमप्रकाश पांडेय के न्यायालय में चल रहे तीहरे हत्याकांड मामले के सत्रवाद 107/12 में कोर्ट ने 3 मई को अभियोजन से जब्त सामान को प्रस्तुत कराने को कहा था, इसको लेकर अपर लोक अभियोजक प्रियरंजन सिन्हा ने एसपी को एक पत्र लिख उक्त तिथि तक आइओ द्वारा सामान को प्रस्तुत कराने का आग्रह किया था परंतु सामान नहीं आये, तो पुनः उन्होंने 3 मई को एक पत्र भेजा, जिसकी एक प्रतिलिपि सारण के डीआइजी और जिलाधिकारी को भी भेजते हुए 20 मई तक प्रस्तुत कराने का आग्रह किया था , लेकिन जब 20 मई को भी सामान प्रस्तुत नहीं हुए तो न्यायाधीश पांडेय ने स्वयं पत्र भेजा है.
पत्र में कहा गया है कि तीहरे हत्याकांड संख्या 154/11 के अनुसंधानकर्ता द्वारा घटनास्थल से 40 फायर किये गये खोखा और एक मिस्फायर गोली बरामद की गयी थी जिसकी जब्ती सूची अनुसंधानकर्ता ने घटनास्थल पर ही बनायी थी, जिसको कोर्ट में प्रस्तुत करने को लेकर अभियोजन द्वारा बार बार पत्र लिखने के बावजूद नगर थाना अध्यक्ष ने उन जब्त प्रदर्शों को कोर्ट में प्रस्तुत नहीं कराया है. जिसके कारण निर्णय लेने में अनावश्यक रूप से विलंब हो रहा है.
जबकि इस अति संवेदनशील मामले की मॉनीटरिंग पटना उच्च न्यायालय द्वारा की गयी है. साथ ही यह उल्लेख करना आवश्यक है कि इस मामले में साक्ष्य देने हेतु न्यायालय में आने वाले साक्षियों के ऊपर न्यायालय परिसर में ही बम से प्रहार भी किया गया है. इसलिए इस अति संवेदनशील मामले में जप्त सामान को अपने स्तर से प्रस्तुत करावे अन्यथा इस वाद का निष्पादन उक्त सामन के अभाव में ही किया जायेगा जिसकी पूरी जिम्मेदारी आप पर होगी.
ज्ञात हो कि घटना के दिन अज्ञात अपराधियों ने विध्यंवासिनी भवन में अंधाधुंध फायरिंग कर तीन लोगों को मौत के घाट उतारा था. मरनेवालो में अवतार नगर थाना क्षेत्र के झौआ बसंत निवासी मणिभूषण सिंह तथा उनके वाहन के चालक दिनेश यादव और पानापुर थाना क्षेत्र के पिपरा निवासी व मुखिया देवेंद्र सिंह शामिल थे. इस मामले में मृत मणिभूषण के भाई शशिभूषण सिंह ने प्राथमिकी दर्ज करायी थी.