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25 फीसदी आवासों पर अवैध कब्जा
अतिक्रमण हटाने में प्रशासन फेल छपरा (सदर) : गंडक नगर परियोजना के 25 फीसदी से ज्यादा आवासों पर बाहरी व्यक्तियों ने अवैध तरीके से कब्जा जमा रखा है. जिससे शहर के मध्य स्थित 154 विभिन्न श्रेणी के आवासों वाले वैध पदाधिकारियों व कर्मचारियों को अपने परिवार के साथ रहना मुश्किल हो रहा है. इस अतिक्रमण […]
अतिक्रमण हटाने में प्रशासन फेल
छपरा (सदर) : गंडक नगर परियोजना के 25 फीसदी से ज्यादा आवासों पर बाहरी व्यक्तियों ने अवैध तरीके से कब्जा जमा रखा है. जिससे शहर के मध्य स्थित 154 विभिन्न श्रेणी के आवासों वाले वैध पदाधिकारियों व कर्मचारियों को अपने परिवार के साथ रहना मुश्किल हो रहा है.
इस अतिक्रमण को हटाने के लिए विभाग के कार्यपालक अभियंता अगस्त 2015 से ही जिला प्रशासन को गुहार लगा रहे हैं. जिला पदाधिकारी के निर्देश पर अबतक चार-चार बार मजिस्ट्रेट की तैनाती भी अतिक्रमण हटाने के लिए हुई. वहीं नियमानुसार अतिक्रमण हटाने की तिथि के एक सप्ताह पूर्व उद्घोषणा भी करायी. परंतु, न अतिक्रमणकारी हटे और न प्रशासन इन सरकारी आवासों को खाली करा सका. पुन: 28 फरवरी को इन अतिक्रमित सरकारी आवासों से अवैध कब्जा करने वालों को हटाने की तिथि निश्चित निर्धारित की है. अब देखना है कि इस बार गंडक नहर परियोजना के ये आवास खाली हो पाते है या नहीं.
डी ग्रेड के 24 आवास हैं निर्मित : गंडक परियोजना के कुल 154 आवास छपरा स्थित वीआइपी एरिया सर्किट हाउस, डीआइजी आवास, रामकृष्ण मिशन आश्रम, डीएम तथा एसपी आवास के 100 से 200 मीटर की दूरी पर बड़े क्षेत्र में फैला हुआ है. इस गंडक कॉलोनी में ए ग्रेड के एक, बी ग्रेड के एक, सी ग्रेड के चार, डी ग्रेड के 24, इ ग्रेड के 59, एफ ग्रेड के 29 तथा जी ग्रेड के 36 क्वार्टर निर्मित है. जिसमें गंडक प्रोजेक्ट के पदाधिकारियों एवं कर्मचारियों के आवास की सुविधा दी गयी है. परंतु, गंडक परियोजना के कार्यपालक अभियंता ने जिला प्रशासन के पास अतिक्रमित आवासों की जो सूची जिला पदाधिकारी व सिविल एसडीओ को भेजी है. उनमें 40 अतिक्रमणकारियों एवं अतिक्रमित आवासों की सूची है.
साथ ही यह भी बताया गया है कि इन आवासों पर बाहरी लोगों को कब्जा होने से एक तो गंडक कॉलोनी के आवासों के वितरण का सिस्टम गड़बड़ हो गया है. वहीं बाहरी लोगों के अवांछित गतिविधियों पर नजर रखना तथा उनपर अंकुशल लगाना गंडक प्रोजेक्ट प्रशासन के लिए मुश्किल हो रहा है. पहली बार 26 अगस्त 2015 को: गंडक परियोजना के आवासों से अतिक्रमण हटाने के लिए कार्यपालक अभियंता के माध्यम से पहली बार 26 अगस्त 2015 को पत्राचार किया गया था. इसके बाद समय-समय पर पत्राचार किया गया.
जिसके आलोक में अतिक्रमण हटाने के लिए पहली बार 14 सितंबर 2015 को, दूसरे 25 नवंबर 2016 को, तीसरी बार 20 जनवरी 2017 को मजिस्ट्रेट एवं पुलिस बल की तैनाती हुई परंतु, न तो मजिस्ट्रेट गये और न पुलिस पदाधिकारी. एक बार फिर विभाग के पत्राचार के आलोक में डीएम दीपक आनंद के निर्देश पर सदर एसडीओ सुनील कुमार ने आगामी 28 फरवरी को इन आवासों से अतिक्रमण हटाने के लिए तिथि निर्धारित करते हुए मजिस्ट्रेट के रूप में सदर सीओ विजय कुमार सिंह तथा पुलिस बल की भी तैनाती की है.
अब देखना है कि इस बार भी ये आवास अतिक्रमण से मुक्त होते हैं. हालांकि इस अतिक्रमण में कुछ विभागीय कर्मियों की मिली भगत भी बतायी जाती है जो अपने रहने के बदले अपने नाम पर आवंटित आवास को दूसरे व्यक्ति को ज्यादा किराया पर लगाये हुए है. इसके अलावा विभिन्न विभागों में काम करने वाले कर्मचारी व अन्य आम नागरिक भी अपने पहुंच के बल पर अवैध कब्जा जमाये हुए है.
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