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पत्र बेअसर, राजधानी एक्सप्रेस ट्रेन दुर्घटना की जांच अधूरी

गुड्डू राय छपरा(सारण) : बहुचर्चित राजधानी एक्सप्रेस ट्रेन दुर्घटना की जांच का मामला ठोकर में फंसा हुआ है. जांच कार्य को पूर्ण करने में तीन वर्ष भी कम पड़ गये. इस जांच को पूर्ण करने में सबसे बड़ी बाधा नेशनल लेबोरेट्री जमशेदपुर है. लेबोरेट्री ने अब तक पुलिस को जांच उपलब्ध नहीं कराया है. इस […]

गुड्डू राय
छपरा(सारण) : बहुचर्चित राजधानी एक्सप्रेस ट्रेन दुर्घटना की जांच का मामला ठोकर में फंसा हुआ है. जांच कार्य को पूर्ण करने में तीन वर्ष भी कम पड़ गये. इस जांच को पूर्ण करने में सबसे बड़ी बाधा नेशनल लेबोरेट्री जमशेदपुर है. लेबोरेट्री ने अब तक पुलिस को जांच उपलब्ध नहीं कराया है.
इस वजह से मुफस्सिल थाने की पुलिस राजधानी एक्सप्रेस ट्रेन दुर्घटना मामले अब तक अंतिम प्रतिवेदन कोर्ट में नहीं सौंपी है. लेबोरेट्री की रिपोर्ट नहीं आने के कारण जांच का कार्य भी ठप हो गया है. नेशनल लेबोरेट्री के निदेशक को पुलिस अधीक्षक के एक दर्जन पत्रों का कोई असर नहीं पड़ा है. पुलिस अधीक्षक पंकज कुमार राज ने राजधानी एक्सप्रेस ट्रेन दुर्घटना मामले में भेजे गये रेल पटरियो की जांच कर शीघ्र रिपोर्ट उपलब्ध कराने का अनुरोध किया है.
क्या है मामला : पूर्वोत्तर रेलवे के छपरा-सोनपुर रेलखंड पर छपरा ग्रामीण जंकशन के समीप नयी दिल्ली से डिब्रूगढ़ जाने वाली राजधानी एक्सप्रेस ट्रेन 25 जून 2014 को रात में 02:10 बजे दुर्घटना की शिकार हो गयी जिसमें पांच यात्रियों की मौत हो गयी और 25 यात्री गंभीर रूप से घायल हो गये. डाउन राजधानी एक्सप्रेस ट्रेन के इंजन समेत 12 डिब्बे पटरी से उतर गये थे. इस घटना के कारणों को लेकर रेलवे प्रशासन और जिला प्रशासन के बीच उसी समय मतभेद गया. रेलवे अधिकारियों ने इस घटना को नक्सली वारदात बताकर जिला प्रशासन के मत्थे दोष मढ़ने लगे. लेकिन जांच में नक्सलियों के हाथ होने का कोई सबूत नहीं मिले हैं. रेलवे की जांच में भी नक्सलियों के हाथ होने का कोई सबूत नहीं मिले.
फोरेंसिक लैब रिपोर्ट में नहीं मिले विस्फोटक : नक्सलियों की संलिप्तता के सवाल पर सारण पुलिस ने इसकी जांच अलग से शुरू कर दी. इसको लेकर मुफस्सिल थाना में राजधानी एक्सप्रेस ट्रेन दुर्घटना की प्राथमिकी दर्ज किया गया है. इस मामले में सदर एसडीपीओ को अनुसंधान कर्ता बनाया गया है.
न्यायालय के निर्देश पर फोरेंसिक लैब पटना में रेल पटरियो की टूकड़ो को जांच के लिए भेजा गया. फोरेंसिक लैब पटना की रिपोर्ट में स्पष्ट किया गया है कि टूटी हुई रेल पटरियों पर विस्फोटक पदार्थ नहीं लगा है. पटरियों के टूटने का कारण बम विस्फोट नहीं है. सारण पुलिस को मेटार्लाजिकल जांच रिपोर्ट आने का इंतजार है. 25 जून 2017 को हुई दुर्घटना में रेल पटरियो को जांच के लिए अक्तूबर माह में जमशेदपुर भेजा गया. न्यायालय के निर्देश पर जांच के लिए भेजे गये रेल पटरियो की ‘मेटार्लाजिकल जांच’ अब तक नहीं हो सका है.

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