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नाव के सहारे दियारे में जाते वहां के रहवासी व नाव से ही भेजा जाता है ट्रैक्टर.

डोरीगंज (छपरा) : सड़क सुरक्षा को लेकर सरकार की ओर से दिशा निर्देश जारी कर विभिन्न तरह के कार्यक्रमों की ओर से लोगो के बीच सुरक्षा नियमों को लेकर आम लोगो के बीच जन जागरूकता लाने की कोशिश की जाती रही है. बावजूद इन नियमों के अनुपालन में प्रशासनिक उदासीनता भी एक सबसे बड़ा कारण […]

डोरीगंज (छपरा) : सड़क सुरक्षा को लेकर सरकार की ओर से दिशा निर्देश जारी कर विभिन्न तरह के कार्यक्रमों की ओर से लोगो के बीच सुरक्षा नियमों को लेकर आम लोगो के बीच जन जागरूकता लाने की कोशिश की जाती रही है. बावजूद इन नियमों के अनुपालन में प्रशासनिक उदासीनता भी एक सबसे बड़ा कारण रहा है, जिसे नजरअंदाज कर पब्लिक के द्वारा चाहे वह सड़क परिवहन हो या जल परिवहन खुलेआम इन नियमों की धज्जियां उड़ायी जाती है, जिससे आये दिन लोग हादसे हो रहे हैं. डोरीगंज के दियारे क्षेत्रो में स्थित रायपुर, बिदंगावां, कोटवापट्टी, रामपुर तथा बड़हरा,

महाजी आदि पंचायतो से करीब सैकड़ो लोगो को प्रतिदिन उस पार से इस पार आने के लिए नाव ही यातायात का एक मात्र साधन है. जहां आये दिन सुरक्षा मानकों की अनदेखी नाविकों की ओर से आम बात यह है कि क्षमता से अधिक लोगो को नावों में भर कर मनमाने किराये की वसूली करना नाव संचालकों के लिए मोटी कमायी का जरिया बन चुका है. कोटवापट्टी रामपुर निवासी रमेश सिंह बताते है कि जाड़े के मौसम को लेकर इन दिनो सुबह 9 बजे से रात 8 बजे तक नावें चलती हैं. कभी कभी तो मवेशियों के साथ भी लदकर यात्रा करना पड़ता है. नाविक व्यापारियों से अधिक किराये वसूली की लालच में छोटी नाव पर भी चार-चार मवेशियों के साथ लोगो को भर लेते हैं. जिसको लेकर पूर्व में भी कई हादसे हो चुके है. दयालचक के धुमन राय की माने तो रात्रि मे तो उस पार जाने के लिए तो नाविक 500 से 1000 रुपये तक की मनमानी रकम की वसूली करते हैं. जिसे लाचार लोगो को चुकानी ही पड़ती है. एक छोटी नाव पर भी 60 से 70 लोग भर कर इस पार लाये जाते हैं और तो और मवेशियों की बात तो दूर ट्रैक्टर जैसे वाहनों के साथ भी लदकर यात्रा करना तो हम जैसे लोगो के लिए रोज की फितरत बन चुकी है.

प्रमुख घाट
डोरीगंज घाट
तिवारी घाट
रहरिया घाट
मखदूमगंज घाट
बंगाली बाबा घाट
झौवा घाट
आमी घाट
दिघवारा घाट
पहलेजा घाट
कालीघाट
सबलपुर घाट
रेवा घाट
सत्तर घाट
रिविलगंज थाना घाट
मांझी घाट
ताजपुर घाट
नाव परिचालन के लिए क्या है सुरक्षा मानक
नाव परिचालन के लिए कुशल चालक दो का होना अनिवार्य
मोटर चालित नावों में दो मोटर लगा होना
माल वाहक नावों पर कार्यरत कर्मियों की संख्या के अनुरूप मानव छल्ला रखना
यात्रियों और नाव पर कार्यरत मजदूरों की संख्या के अनुरूप लाइफ जैकेट रखना
यात्री वाहक नावों पर यात्रियों की संख्या में अनुरूप मानव छल्ला रखना
सुरक्षा मानकों का होना जरूरी
नावों पर आगे-पीछे उच्च क्षमता प्रकाश देने वाली बत्ती का प्रबंध
निबंधन के पहले परिवहन विभाग से नावों की क्षमता की जांच कराना
परिवहन विभाग की ओर से निर्धारित क्षमता के अनुरूप लदान सुनिश्चित करना
नदी में सूर्योदय के पश्चात और सूर्यास्त के पहले नाव का परिचालन करना
सूर्यास्त के बाद और सूर्योदय के पहले नाव का परिचालन करने पर रोक है.
कोहरा के दौरान नदी में नाव का परिचालन करते समय आगे-पीछे लगी बत्ती का प्रयोग करना
नाव के चलते समय पीछे लाल बत्ती जलाना
आपात स्थिति के लिए पाल, बांस की लग्घी और पतवार का प्रबंध
नदी की धारा तेज होने और नदी में उफान की स्थिति में नाव का परिचालन नहीं करना है

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