छपरा (सदर) : जिले की भूमि की श्रेणी में एकरूपता लाने तथा राजस्व चोरी रोकने के उद्देश्य से निबंधन विभाग बिहार सरकार के निर्देश के आलोक में सभी जमीन का खेसरा पंजी में अंकित किया जायेगा. इसके लिए विहित प्रपत्र की छपाई कर जिले के सभी अंचलाधिकारियों को प्रपत्र निबंधन विभाग ने उपलब्ध करा दिया है. अवर निबंधक संजय कुमार के अनुसार शहरी क्षेत्र की जमीन को छह श्रेणी में तथा ग्रामीण क्षेत्र की जमीन को सात श्रेणी में चिह्नित किया गया है. जिसका खेसरा पंजी तैयार किया जायेगा. चूंकि यह राजस्व का मामला है. ऐसी स्थिति में डीएम ने अगले दस दिन में इसकी पुन: बैठक बुलायी है.
जिले में ऑनलाइन जमीन की रजिस्ट्री तो हो रही है. परंतु, अभी जमीन की रजिस्ट्री के लिए ऑनलाइन आवेदन नहीं आ रहे हैं. अभी पक्षकार स्वयं दस्तावेज नवीस के साथ अपना कागजात जमा करते हैं. जिसके लिए प्रचार-प्रसार किया जा रहा है, जिससे लोग जमीन रजिस्ट्री के लिए ऑनलाइन आवेदन करें. नोटबंदी का जमीन की रजिस्ट्री पर व्यापक असर पड़ा है. गत दिसंबर 2015 में जहां 3802 जमीन की रजिस्ट्री जिला मुख्यालय समेत छह रजिस्ट्री कार्यालयों में हुई थी. वहीं वर्ष 2016 के दिसंबर में महज 2289 रजिस्ट्री हुई. ऐसी स्थिति में स्वाभाविक रूप से जहां 1513 कम जमीन की रजिस्ट्री हुई. वहीं चार करोड़ 8 लाख कम राजस्व भी वसूल हुआ. जिले में गत वर्ष 2016 में विशेष विवाह अधिनियम के तहत निबंधन के लिए 276 आवेदन आये जिसमें 172 लोगों को विवाह प्रमाणपत्र दिया गया है.