छपरा (सारण) : 0 से 5 वर्ष तक के बच्चों को कुपोषण से बचाने और उनके स्वास्थ्य की देखभाल के लिए खुले पोषण सह पुनर्वास केंद्र में आने वाले बच्चों की संख्या में कमी आ रही है. सरकार ने राशि भी घटा दी है. एक बच्चे की 24 घंटे देखभाल करने और 6 बार समुचित आहार देने के लिए महज 70 रुपये की राशि दी जा रही है. इतना ही नहीं बच्चों की मां को भोजन देने के लिए पहले 50 रुपये और क्षतिपूर्ति के लिए 50 रुपये ही दिया जा रहा है जबकि पहले मां के भोजन के लिए 100 रुपये और क्षतिपूर्ति के रूप में 100 रुपये देने का प्रावधान था. सरकार के राशि में कटौती कर दी तो, यहां आने वाले बच्चों की संख्या भी कम हो गयी है.
Advertisement
पुर्नवास केंद्र में बच्चों की संख्या घटी आयी कमी
छपरा (सारण) : 0 से 5 वर्ष तक के बच्चों को कुपोषण से बचाने और उनके स्वास्थ्य की देखभाल के लिए खुले पोषण सह पुनर्वास केंद्र में आने वाले बच्चों की संख्या में कमी आ रही है. सरकार ने राशि भी घटा दी है. एक बच्चे की 24 घंटे देखभाल करने और 6 बार समुचित […]
पोषण सह पुनर्वास केंद्र सदर अस्पताल परिसर में संचालित हो रहा है. इसके संचालन की जिम्मेवारी समता ग्रामीण विकास कटिहार नामक एनजीओ को दी गयी है. सरकार की बदली हुई नीतियों के कारण इस केंद्र का संचालन करने वाली संस्था के पदाधिकारी भी असमंजस में है. सरकार ने राशि में कटौती की है और यहां अपने बच्चों को लेकर आने वाली माताएं केंद्र के कर्मियों पर राशि में कटौती करने का आरोप लगाती है. इसको लेकर तू-तू, मैं-मैं की स्थिति उत्पन्न हो रही है.
राशि में कटौती से प्रतिकूल असर
पोषण केंद्र को आवंटित की जाने वाली राशि में कटौती के कारण बच्चों को कुपोषण से बचाने की योजना पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है. गरीब व कमजोर वर्ग के बच्चों के भरती कराने का निर्देश है. बच्चों के भरती करने के साथ उनकी माताओं को भी यहां रखा जाता है. गरीब व कमजोर वर्ग की महिलाओं को यहां रखने पर वह मजदूरी नहीं कर पाती है, जिसके क्षतिपूर्ति एवज में उन्हें एक सौ रुपये देने का पहले प्रावधान था, लेकिन वर्तमान समय में 50 रुपये दिया जाता है. बच्चों की माताओं को भी संतुलित आहार के लिए मिलने वाली 100 रुपये में से 50 रुपये की कटौती कर दी गयी है.
केंद्र में कार्यरत है 16 कर्मी
पोषण सह पुनर्वास केंद्र में एक चिकित्सक और आठ एएनएम समेत 16 कर्मी कार्यरत हैं जिसमें एक रसोइया, 2 सफाईकर्मी, दो केयर टेकर और एक डायटीशियन शामिल है.
मिलता है संतुलित आहार
पोषण सह पुनर्वास केंद्र के माध्यम से 0 से 5 वर्ष तक के कुपोषण के शिकार बच्चों को भरती किया जाता है. जिन्हें एक माह तक रखा जाता है. और उन्हें संतुलित आहार देने का प्रावधान है. लेकिन यहां नवजात शिशुओं को रखने के लिए कोई भी संसाधन नहीं है. इस वजह से उन्हें एसएनसीयू में भरती कराया जाता है.
यहां एक वर्ष से ऊपर के ही बच्चों को भरती किया जा रहा है. लेकिन उनके पोषण व स्वास्थ्य की देखभाल के लिए महज 70 रुपये का आवंटन होने के कारण समुचित देखभाल करना मुश्किल होता जा रहा है. 70 रुपये में ही संतुलित आहार के साथ दवाओं का भी प्रबंध करना पड़ रहा है. 20 बेड की क्षमता वाले इस केंद्र में आठ-दस बच्चे ही भर्ती हो रहे है. जनवरी 2016 से लेकर नवंबर 2016 तक मात्र 344 बच्चे ही भरती कराये गये.
क्या कहते हैं अधिकारी
जनवरी 2016 से नवंबर 2016 तक यहां 344 बच्चों को भरती किया गया. यहां से 0 से 5 वर्ष तक के बच्चों को भरती करने का प्रावधान है. नवजात बच्चों को रखने के लिए संसाधन नहीं है. इस वजह से उन्हें एसएनसीयू में भरती कराया जाता है.
विनोद कुमार, केयर टेकर, पोषण सह पुनर्वास केंद्र, सदर अस्पताल, छपरा
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement