बनियापुर : गेहूं की बुआई करने में इस बार किसानों को एक साथ कई मुश्किलों से हो कर गुजरना पड़ रहा है. एक ओर नोटबंदी को लेकर किसान परेशान है तो दूसरी ओर गेहूं के उन्नत बीज के चयन को लेकर चिंता सता रही है. खाद-बीज दुकानों पर दर्जनों ब्रांड के गेहूं बीज उपलब्ध है.
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बीज के चयन को लेकर चिंतित हो रहे है किसान
बनियापुर : गेहूं की बुआई करने में इस बार किसानों को एक साथ कई मुश्किलों से हो कर गुजरना पड़ रहा है. एक ओर नोटबंदी को लेकर किसान परेशान है तो दूसरी ओर गेहूं के उन्नत बीज के चयन को लेकर चिंता सता रही है. खाद-बीज दुकानों पर दर्जनों ब्रांड के गेहूं बीज उपलब्ध है. […]
मगर किसानों के बीच गेहूं के जिस प्रजाति की ज्यादा डिमांड है वे बीज अनुदान के दायरे से बाहर है. नतीजतन किसानों को ऊंचे मूल्य पर पसंद के बीज की खरीदारी कर बुआई करनी पड़ रही है. हालांकि अनुदानित दर पर जिरोटिलेज किट 1980 रुपये की मूल्य पर किसानों को उपलब्ध करायी जा रही है. जिसमें 40 किलोग्राम गेहूं बीज कीटनाशक और पोषक तत्व शामिल है तथा खरीदारी के बाद पुनः किसानों की लागत मूल्य भी उनके खाते में विभाग द्वारा भेज दी जायेगी.
मगर अनुदान वितरण की सुस्त गति होने के कारण किसान जीरोटीलेज कीट खरीदने से गुरेज कर रहे है. विपिन कुमार, अजय राय, संतोष सिंह सहित कई किसानों ने बताया कि अनुदानित दर पर बीज खरीदारी में दुकानदार को पूरे मूल्य के बराबर रुपये का भुगतान करना पड़ता है. जबकि अनुदान राशि मिलने में महीनों लग जाते हैं. आलम यह है कि खरीफ महोत्सव के दौरान खरीदी गयी बीज पर मिलने वाली अनुदान राशि से अब भी किसान वंचित है. वहीं प्रखंड के चिन्हित खाद-बीज विक्रेता द्वारा 2967 गेहूं की
प्रजाति पर 10 रुपये प्रति किलोग्राम अनुदान दी जा रही है. मगर इस बीज को किसान पसंद से इतर बता खरीदने से इनकार कर रहे हैं.
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