छपरा (सारण) : पूरी राशि का पेट्रोल-डीजल लेना है तो, पांच सौ, एक हजार का नोट चलेगा. अगर कम लेना है तो खुदरा रूपये देना होगा. यह कहना है पेट्रोल पंप कर्मियों का. पांच सौ और एक हजार रूपये का नोट लेकर पेट्रोल डीजल भरवाने जाने पर वाहन परिचालकों को भारी फजीहत उठानी पड़ रही […]
छपरा (सारण) : पूरी राशि का पेट्रोल-डीजल लेना है तो, पांच सौ, एक हजार का नोट चलेगा. अगर कम लेना है तो खुदरा रूपये देना होगा. यह कहना है पेट्रोल पंप कर्मियों का. पांच सौ और एक हजार रूपये का नोट लेकर पेट्रोल डीजल भरवाने जाने पर वाहन परिचालकों को भारी फजीहत उठानी पड़ रही है. कई स्थानों पर पेट्रोल पंप मालिकों ने बकायदा नोटिस भी चस्पा कर रखा है. जिस पर लिखा है कि पांच सौ या एक हजार रूपये से कम का डीजल-पेट्रोल लेना है तो खुदरा रूपये दीजिए.
इसको लेकर विवाद भी उत्पन्न हो रहा है. कई स्थानों पर मारपीट की नौबत आ पड़ी. पांच सौ और एक हजार रूपये के पुराने नोट देकर कम का पेट्रोल और डीजल मांगने वालों के साथ पेट्रोल पंप कर्मी दुर्व्यवहार भी कर रहे है. पेट्रोल पंप पर जो खुदरा रूपये देकर वाहन परिचालक डीजल पेट्रोल खरीद रहे है, उसे दबाकर रख रहे हैं और अपने पास पहले से जमा कर रखे गये पांच सौ-एक हजार के नोट बदल रहे है. इस वजह से बाजार में एक सौ रूपये के नोट की किल्लत हो गयी है. पेट्रोल पंप मालिकों की मनमानी के खिलाफ कोई शिकायत भी नहीं सुन रहा है.
पुलिस प्रशासन भी मूकदर्शक है. लंबे सफर में चल रहे निजी वाहन के सवारों को सबसे अधिक परेशानी हो रही है. जितनी राशि उतने का तेल भरवाने के कारण अन्य खर्चे के लिए रूपये भी नहीं बच रहा है. इस वजह से सफर के दौरान उन्हें काफी फजीहत उठानी पड़ रही है.
नहीं मिल रहे सौ के नोट लोगों को परेशानी
पांच सौ-एक हजार के पुराने नोट की लेन-देन पर रोक लगाये जाने के साथ ही सौ रूपये का नोट बाजार से गायब हो गया है. बड़े व्यवसायी और खासकर पेट्रोल पंप मालिकों ने कृत्रिम अभाव उत्पन्न कर दिया है. इसका मुख्य वजह बड़े अपने पास जमा बेनामी एक हजार और पांच सौ रूपये के नोटों को बदल रहे हैं. जितना खुदरा रूपये की बिक्री हो रही है, उतना पांच सौ और एक हजार के रूपये से बदल रहे है. इस वजह से बाजार में सौ रूपये से लेकर पांच रूपये के सिक्के तक गायब हो चुके है.