छपरा : सारण को प्रकृति ने स्वयं अपने हाथों से गढ़ा है. यहां का इतिहास समृद्धि से परिपूर्ण है. यह खेती-बाड़ी से लेकर उद्योग, व्यापार, संस्कृति, साहित्य हर मामले में अपनी अलग व महत्वपूर्ण पहचान रखता है. उक्त बातें जिला पदाधिकारी दीपक आनंद ने बुधवार को सारण गजेटियर का लोकार्पण करते हुए कहीं. उन्होंने कहा कि पीसी राय चौधरी द्वारा अंगरेजी काल में गजेटियर के प्रकाशन के बाद उसकी प्रतियां लगभग विलुप्त होने के कगार पर पहुंच गयी थी.
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सारण गजेटियर का डीएम ने किया लोकार्पण
छपरा : सारण को प्रकृति ने स्वयं अपने हाथों से गढ़ा है. यहां का इतिहास समृद्धि से परिपूर्ण है. यह खेती-बाड़ी से लेकर उद्योग, व्यापार, संस्कृति, साहित्य हर मामले में अपनी अलग व महत्वपूर्ण पहचान रखता है. उक्त बातें जिला पदाधिकारी दीपक आनंद ने बुधवार को सारण गजेटियर का लोकार्पण करते हुए कहीं. उन्होंने कहा […]
जिससे जिले के ऐतिहासिक, भौगोलिक, राजनैतिक, सांस्कृतिक, विरासतों के बारे में जानना मुश्किल होता है. अब इसको अद्यतन कर प्रकाशित किये जाने से इतिहासकारों, साहित्य प्रेमियों व शोधार्थियों को आसानी होगी. उन्होंने बताया कि जिले के सामान्य परिचय के साथ ही इतिहास, आबादी, कृषि, बैंकिंग, व्यापार, पहनावा प्रमुख स्थल, मशहूर व्यक्तित्व, पौराणिकता हर विषय पर विस्तार से जानकारियां दी गयी है.
प्रयास किया गया है कि उसके उद्भाव से वर्तमान तक को इसमें समेटा जा सके. डीएम श्री आनंद ने बताया कि गजेटियर में छपरा के सौ वर्षों के इतिहास को बांधने का प्रयास किया गया है, बल्कि उसके पूर्व की भी उपलब्ध जानकारियों को इसमें सम्मिलित किया गया है.
उन्होंने सारण के तीन नदियों से घिरे होने को लेकर उखरा मिट्टी, मार्टन चॉकलेट, शासकों, अधिकारियों, स्वतंत्रता संग्राम के हीरो आदि का जिक्र करते हुए गजेटियर प्रकाशन में विद्वानों, रचनाकारों, बुद्धिजीवियों, पत्रकारों, अधिकारियों व कर्मियों के योगदान की सराहना करते हुए सभी के प्रति आभार व्यक्त किया एवं सारण वासियों को गजेटियर समर्पित किया.
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