उद्घाटन की बाट जोह रहा परसा का सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र
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अब तक नहीं मिला सीएचसी का दर्जा
उद्घाटन की बाट जोह रहा परसा का सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र परसा : स्थानीय स्वास्थ्य केंद्र में लाखों रुपये की लागत से सामुदायिक अस्पताल भवन का निर्माण कार्य तो पूर्ण हो गया. लेकिन विभाग की ओर से भवन को स्वास्थ्य केंद्र को नहीं सौंपा गया . सामुदायिक अस्पताल भवन में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र चलता है. सामुदायिक […]
परसा : स्थानीय स्वास्थ्य केंद्र में लाखों रुपये की लागत से सामुदायिक अस्पताल भवन का निर्माण कार्य तो पूर्ण हो गया. लेकिन विभाग की ओर से भवन को स्वास्थ्य केंद्र को नहीं सौंपा गया . सामुदायिक अस्पताल भवन में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र चलता है. सामुदायिक अस्पताल के नाम से निर्मित भवन स्वास्थ्य केंद्र की शोभा बढ़ा रहा है. सामुदायिक अस्पताल से मिलने वाली सुविधा मरीजों को नदारत है.
सामुदायिक अस्पताल का नहीं मिला दर्जा : प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को अपग्रेड करने के लिए सामुदायिक अस्पताल में बदलने के लिए भवन का निर्माण हुआ था. ताकि रोगियों को उपचार के दौरान आधुनिक सुविधा मिल सके. लेकिन सामुदायिक अस्पताल का भवन निर्माण तो हो गया. लेकिन, सामुदायिक अस्पताल का दर्जा नहीं मिल सका. जिससे रोगियों को आज भी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र स्तर की ही सुविधा मिलती है.
सामुदायिक अस्पताल में तब्दील कराने के उद्देश्य से 2 करोड़ 76 लाख की लागत से भवन का निर्माण कार्य के लिए स्थानीय तत्कालिन विधायक छोटेलाल राय, अमनौर के तत्कालिन विधायक कृष्ण कुमार और विधान परिषद के पूर्व उप सभापति सलीम परवेज ने भवन निर्माण के लिए संयुक्त रूप से शिलान्यास किया था.
शिलान्यास के बाद जल्द ही सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का दर्जा मिलने और दर्जा के अनुसार सुविधा मिलने की उम्मीद लोगों में जगी थी. लेकिन भवन निर्माण के एक साल गुजरने के बाद भी नहीं मिला सका दर्जा.
कई प्रखंड के मरीजों का होता है उपचार : प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में परसा, मकेर, दरियापुर और अमनौर प्रखंड से रोगी उपचार कराने आते है. प्रत्येक माह में लगभग 6800 ओपीडी, 1200 सौ आपातकालीन रोगी, 280 प्रसव के अलावे कालाजार, टीबी के रोगियों का उपचार किया जाता है. सामुदायिक अस्पताल का दर्जा मिलने से रोगियों को ज्यादा सुविधा मिल जाती.
दर्जा मिलने पर यह मिलती सुविधा : सामुदायिक अस्पताल का दर्जा मिलने से यह अस्पताल 30 बेड का हो जाता. अस्पताल को कुल 16 चिकित्सक मिलते. जिसमें चार विशेषज्ञ, चार सामान्य, चार संविदा और चार अन्य चिकित्सकों, 45 एएनएम, 100 प्रकार की दवाइयां, खून, पेशाब जांच, एक्स- रे, अल्ट्रासाउंड आदि निशुल्क सुविधा रोगियों को मिलने लगती. जिससे गरीब असहाय सामान्य वर्ग के रोगियों को काफी सहूलियत और आर्थिक सहयोग में मदद मिल सकता था.
2 करोड़ 76 लाख लगा भवन निर्माण में
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का भवन.
क्या कहते हैं अधिकारी
सामुदायिक अस्पताल के भवन निर्माण का कार्य पूर्ण हो गया . लेकिन अस्पताल को सामुदायिक अस्पताल का विभाग की ओर से दर्जा नहीं प्राप्त हुआ है. विभाग द्वारा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का दर्जा मिल जाता तो रोगियों को सुविधा मिलती. अस्पताल से जुड़ी समस्या की जानकारी सिविल सर्जन को दी गयी है.
दिलीप कुमार सिंह, चिकित्सा प्रभारी, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, परसा
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