छपरा (सारण) : कृषि के विकास से राज्य आत्मनिर्भर बनेगा और किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार आयेगी. उक्त बातें प्रमंडलीय आयुक्त प्रभात शंकर ने प्रमंडलस्तरीय खरीफ कार्यशाला सह प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए गुरुवार को कहीं. आयुक्त श्री शंकर ने कहा कि किसानों को वैज्ञानिक पद्धति से खेती करने के लिए प्रोत्साहित करें और कृषि यंत्रों के प्रयोग के महत्व से किसानों को अगवत करायें.
उन्होंने कहा कि इस प्रमंडल की बहुसंख्यक आबादी कृषि पर निर्भर है और जीविकोपार्जन का मुख्य आधार कृषि ही है. उन्होंने कहा कि सात लाख 72 हजार हेक्टेयर में खरीफ फसल के आच्छादन व सात लाख 42 हजार 660 मीटरिक टन उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है. उन्होंने कहा कि लक्ष्य के अनुरूप फसल उत्पादन के लिए अधिकारी पूरी ईमानदारी के साथ अपने कर्तव्यों व दायित्वों का निर्वहण करें. उन्होंने कहा कि कार्यशाला में प्राप्त प्रशिक्षण का लाभ हकदारों तक पहुंचायें.
उन्होंने कहा कि किसानों को प्रशिक्षण देने के साथ-साथ सरकार द्वारा संचालित योजनाओं तथा कार्यक्रमों के बारे में जानकारी उपलब्ध कराएं और सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने के लिए किसानों को प्रेरित करें. संयुक्त निदेशक बैजनाथ रजक ने कार्यक्रम की रूपरेखा के बारे में चर्चा की और कहा कि प्रमंडल स्तर पर प्रशिक्षण प्राप्त करनेवाले अधिकारी अपने जिले व प्रखंड के कर्मियों को प्रशिक्षण देंगे. जिला स्तर पर प्रशिक्षण के उपरांत सभी पंचायतों में किसानों के प्रशिक्षण शिविर आयोजित किये जायेंगे. डीएओ कृष्णकांत झा ने एनएफएसएम योजना के बारे में विस्तृत से जानकारी दी और आगत अतिथियों का स्वागत किया. उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा चलायी जा रही योजना का कार्यान्वयन बेहतर ढंग से करने का सख्त निर्देश दिया गया है. समारोह को गोपालगंज के डीएओ डॉ वेदनारायण सिंह, सीवान के डीएओ राजेंद्र कुमार वर्मा, कृषि विज्ञान केंद्र के कार्यक्रम समन्वयक सह कृषि वैज्ञानिक डॉ रत्नेश कुमार झा ने भी संबोधित किया. इस दौरान बामेतीकृत श्री विधि से धान की खेती, डीएसआर व हरी खाद पर आधारित खेती की फिल्म का प्रदर्शन किया गया.