पानापुर : पुलिस के सामने बिजेंद्र अपने अपहरण की बात से साफ मुकर गया. थानाध्यक्ष के समक्ष उसने कहा कि डर के कारण वह भाग गया था और वह अनजान नंबरों से किये गये फोन को रिसीव नहीं करता था. बिजेंद्र के बयान के बाद थानाध्यक्ष ने आरोपित तीनों युवकों को छोड़ दिया. वहीं बिजेंद्र को भी सख्ती से चेतावनी देते हुए मुक्त कर दिया. अब सवाल उठता है कि बिजेंद्र आखिर किसके डर से घर छोड़ कर भागा था.
अगर परिजनों के डर से भागा था, तो परिजनों ने अपहरण की प्राथमिकी क्यों दर्ज करायी. अगर वह आरोपितों के डर से भागा था तो पुलिस के समक्ष आखिर बयान क्यों नहीं दिया. ये कुछ अनुत्तरित प्रश्न हैं, जिनका जवाब शायद पुलिस के पास भी नहीं है. बिजौली गांव निवासी भागवत राय का 22 वर्षीय पुत्र 30 अप्रैल को गायब हो गया था. पांच मई को गायब बिजेंद्र मशरक थाने के हंसापीर रेलवे ढाला के पास बेहोश मिला था, जिसे पानापुर पुलिस इलाज करा कर थाने लायी थी.